October 15, 2024
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National vaccination Day 2023 : हर साल क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस ?

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस || National Vaccination Day || 16th March || National Vaccination Day 2023
टीकाकरण मानव शरीर को संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। वायरस या बैक्टीरिया के असर को टीके कम करते हैं तथा उन्हें पूरी तरह खत्म करने का काम करते हैं। प्रत्येक वर्ष 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस लोगों को टीकाकरण के महत्व को बताने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

National Vaccinations Day 2023 _Janpanchayat Hindi News

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस || National Vaccination Day || 16th March || National Vaccination Day 2023

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस || National Vaccination Day 2023 : टीकाकरण मानव शरीर को संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। वायरस या बैक्टीरिया के असर को टीके कम करते हैं तथा उन्हें पूरी तरह खत्म करने का काम करते हैं। प्रत्येक वर्ष 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस लोगों को टीकाकरण के महत्व को बताने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

आइए जानते हैं टीकाकरण दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?तथा टीकाकरण का क्या है इतिहास तथा महत्व ?​

टीकाकरण का इतिहास

 भारत में टीकाकरण का इतिहास बहुत ही लंबा है। भारत में टीकाकरण की शुरुआत पहली बार 1802 में हुई थी जब 14 जून 1802 को मुंबई की एक 3 वर्षीय बच्ची को चेचक के टीके की पहली खुराक दी गई। चेचक महामारी को कम करने के लिए भारत में 1896 में अनिवार्य टीकाकरण अधिनियम पारित किया गया था। बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में कुछ सामाजिक- वैज्ञानिक- भू – राजनीतिक घटनाएं घटित हुई, जिसका देश में टीकाकरण के प्रयासों पर प्रभाव पड़ा। जैसे-

भारत में हैजा और प्लेग का प्रकोप, जिसके कारण सीमित संख्या में टीका लगाने वालों की सेवाओं को महामारी प्रबंधन प्रयासों में बदल दिया गया था।
प्रथम विश्व युद्ध शुरू होने पर इनफ्लुएंजा महामारी से लगभग 17 मिलियन भारतीयों की मौत हो गई और टीकाकरण सरकार की प्राथमिकता बन गई।
सबसे महत्वपूर्ण 1919 का भारत सरकार अधिनियम जिसने केंद्र से लेकर प्रांतों तक कई सर प्रशासनिक शक्तियों को हस्तांतरित किया। जिसके द्वारा स्थानीय सरकारों को चेचक के टीकाकरण सहित स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।


बीसवीं शताब्दी के शुरुआत में देश में कम से कम 4 टीके( चेचक, हैजा, प्लेग और टाइफाइड) उपलब्ध थे।
स्वतंत्रता के समय भारत में दुनिया में सबसे अधिक चेचक के मामले आ रहे थे। हैजा और प्लेग महामारी पांव पसार रही थी लेकिन इन बीमारियों को नियंत्रित किया जा रहा था। अगस्त 1948 में भारत ने पहला बीसीजी टीकाकरण किया। भारत में 1950 में राष्ट्रीय चेचक उन्मूलन का कार्यक्रम शुरू किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 8 मई 1980 को विश्व को चेचक मुक्त घोषित किया गया।
1977 में जैसे ही भारत को चेचक मुक्त घोषित किया गया देश ने 1978 में बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और टाइफाइड- पैराटायफाइड टीके की शुरुआत के साथ राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने का फैसला लिया। टीकाकरण को तब अधिक महत्व मिला जब इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री के 20 सूत्रीय कार्यक्रम में जोड़ा गया।
1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने 2000 तक पोलियो उन्मूलन के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। भारत में भी पोलियो नियंत्रण के लिए विशेष प्रयास किए गए। 16 मार्च 1995 को देश में पोलियो के टीके की पहली मौखिक खुराक दी गई थी। इसी दिन भारत सरकार ने पोलियो को जड़ से खत्म करने का अभियान ‘पल्स पोलियो’ शुरू किया था। इस अभियान के तहत 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो वैक्सीन की बूंद दी गई थी। इस पल्स पोलियो अभियान शुरू होने के पश्चात पोलियो के मामले में कमी आने लगी और यह अभियान ऐसा रंग लाया कि 2014 में भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया गया और तभी से 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस क्यों मनाया जाता है ?

 टीकाकरण विभिन्न रोगों को रोकने और फैलाने में बहुत प्रभावी है। टीकाकरण के पश्चात यदि हम कभी संक्रमित हो जाए तो रोग गंभीर रूप धारण नहीं करते हैं। टीके गंभीर और जानलेवा बीमारियों से लड़ने का महत्वपूर्ण साधन है। आज पूरे विश्व में टीके की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक वर्ष लगभग 2 से 5 मिलियन लोगों को टीके से सुरक्षा प्राप्त होती हैं।

 कोविड महामारी जब पूरे विश्व में अपने पांव पसार रही थी, उस समय CO-vaccin के माध्यम से ही इसको नियंत्रित किया जा सका। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस इसीलिए मनाया जाता है जिससे लोग अपने परिवार बच्चों और स्वयं को टीका लगवाने के लिए जागरूक हो। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस चिकित्सा विज्ञान की जीत का उत्सव मनाने का दिन है। वे शोधकर्ता, स्वास्थ्य कर्मी और वैज्ञानिक जो हमारे जीवन रक्षा के लिए टिको का विकास करने के लिए अथक प्रयास करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हम स्वस्थ रहें, उनको धन्यवाद करने का एक श्रेष्ठ अवसर है राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस। टीकाकरण कार्यक्रम हमारे जीवन रक्षा में अहम भूमिका निभाता है। एक स्वस्थ जीवन और सामाजिक एवं आर्थिक रूप से लोगों के लिए महत्वपूर्ण है टीकाकरण।

कब मनाया जाता है राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस ?

 प्रत्येक वर्ष 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। भारत में पोलियो के टीके की पहली मौखिक खुराक 16 मार्च 1995 में शुरू की गई थी। 1995 में ही पहली बार राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया गया था। वर्ष 2020 से लेकर 2022 तक 2 वर्षों के दौरान कोरोना महामारी फैलने के बाद राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का महत्व और भी बढ़ गया है। क्योंकि इस महामारी से बचाव के लिए सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया और जो सफल रहा।

टीकाकरण क्या है ?

टीकाकरण वह प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को संक्रामक रोगों के विरुद्ध बढ़ाया जाता है। टीके वे पदार्थ है जो व्यक्ति के शरीर में बाद में होने वाले संक्रमण या बीमारी से बचने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

टीकाकरण क्यों आवश्यक है ?

टीका हमारे शरीर में रोग पैदा करने वाले वायरस या सूक्ष्म जीवों को कमजोर या निष्क्रिय कर देते हैं। टीकाकरण हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह हमारे शरीर में होने वाले संक्रमण के खिलाफ प्रतिक्रिया शुरू करता है। टीकाकरण के कारण कोई भी संक्रमण कभी भी गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनता है। इसलिए टीकाकरण आवश्यक है।

टीकाकरण के क्या लाभ हैं ?

  • टीकाकरण बीमारी को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने से रोकता है।
  • टीकाकरण से कोई भी बीमारी गंभीर रूप नहीं धारण करती है
  • टीकाकरण हमें कई जानलेवा बीमारियों से बचा सकता है।
  • हाल में कोरोना महामारी के दौरान mRNA वैक्सीन के उपयोग ने हमें एक गंभीर बीमारी कोविड-19 संक्रमण से बचाया है।
  • विभिन्न रोगों को रोकने और फैलाने में टीके बहुत प्रभावी हैं। टीकाकरण के पश्चात जब कभी हम संक्रमित हो भी जाते हैं तो रोग गंभीर नहीं होता है।

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का महत्व

 राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का महत्व सिर्फ बच्चों के टीका लगवाने में ही नहीं है अपितु टीका बड़े लोगों के लिए भी जरूरी है। कोरोना टीका करण इसका सबसे अच्छा उदाहरण है आज चेचक, खसरा, टिटनस जैसी संक्रामक और खतरनाक बीमारियां विश्व में चलाये गये व्यापक टीकाकरण अभियान के कारण ही समाप्त हुई है। टीकाकरण के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आपको खतरनाक बीमारियों से बचाने में मदद करता है। टीकाकरण दिवस का महत्व इसलिए भी है क्योंकि टीकाकरण अभियान के कारण आज कई बीमारियां जड़ से समाप्त हो गई हैं।

WHO द्वारा टीकाकरण की व्याख्या इस प्रकार की गई है

 “टीकाकरण लोगों को उनके संपर्क में आने से पहले हानिकारक बीमारियों से बचाने का एक सरल, सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। यह विशिष्ट संक्रमण के प्रतिरोध को बनाने के लिए आपके शरीर की प्राथमिक सुरक्षा का उपयोग करता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।”