July 27, 2024

World Sparrow Day : विश्व गौरैया दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई ?

World Sparrow Day 2023 || World Sparrow Day || विश्व गौरैया दिवस || विश्व गौरैया दिवस 2023
पक्षी के अनेक पर्यायवाची शब्द है लेकिन सबसे सामान्य बोलचाल का शब्द है चिड़िया, बस आंखें बंद करें और मन में शब्द दोहराएं, चिड़िया, अब आप बताइए आपने अपनी कल्पना में कौन सा पक्षी देखा। आपकी कल्पना में गौरैया ही रहेंगी। गौरैया एक ऐसा पक्षी है जो हमारे जीवन में रची बसी है। गौरैया चिड़िया का पर्याय हो गई थी। लेकिन कुछ वर्षों में हमारे लिए चिड़िया का पर्याय गौरैया अपना अस्तित्व खो रही है। 20 मार्च का दिन इस अस्तित्व खोते हुए पक्षी को समर्पित है।
प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाया जाता है। संपूर्ण विश्व में गौरैया पक्षी के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

World Sparrow Day 2023_Janpanchayat hindi blogs

विश्व गौरैया दिवस || World Sparrow Day 2023 || Special Days In March || 20 March 2023 || विश्व गौरैया दिवस 2023

World Sparrow Day

विलुप्त होते परिंदे के लिए एक दिन

 पक्षी के अनेक पर्यायवाची शब्द है लेकिन सबसे सामान्य बोलचाल का शब्द है चिड़िया, बस आंखें बंद करें और मन में शब्द दोहराएं, चिड़िया, अब आप बताइए आपने अपनी कल्पना में कौन सा पक्षी देखा। आपकी कल्पना में गौरैया ही रहेंगी। गौरैया (Sparrow) एक ऐसा पक्षी है जो हमारे जीवन में रची बसी है। गौरैया चिड़िया का पर्याय हो गई थी। लेकिन कुछ वर्षों में हमारे लिए चिड़िया का पर्याय गौरैया अपना अस्तित्व खो रही है। 20 मार्च का दिन इस अस्तित्व खोते हुए पक्षी को समर्पित है।

प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को गौरैया दिवस (Sparrow Day) मनाया जाता है। संपूर्ण विश्व में गौरैया पक्षी के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। घरों को अपने ची- ची से चहकाने वाली गौरैया आज विलुप्तप्राय हो चुकी है। ये नन्हे से आकार वाले पक्षी कभी हमारे घरों में अपना घोंसला बनाते थे और बच्चों का बचपन इन्हें देखते हुए ही बीतता था लेकिन आज गौरैया के अस्तित्व पर संकट के बादल छा गए हैं। जिससे इनकी संख्या काफी कम हो गई है। कहीं- कहीं तो यह विलुप्त हो गए हैं।

आइए जानते हैं इस छोटे से परिंदे को बचाने के लिए विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत कब हुई

विश्व गौरैया दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई ?

 विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाने की शुरुआत 2010 में हुई थी। द नेचर फॉरएवर सोसायटी ऑफ इंडिया और फ्रांस के इको एसआईएस एक्शन फाउंडेशन ने विश्व गौरैया दिवस मनाने का निर्णय लिया था। भारतीय संरक्षणवादी मोहम्मद दिलावर ने नासिक में घरेलू गौरैया की मदद के लिए अपना काम शुरू किया था। गौरैया के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों के लिए दिलावर को 2008 में ‘ टाइम पत्रिका’ ने ‘ पर्यावरण का नायक’ कहा था। ‘ नेचर फॉरएवर सोसायटी’ की स्थापना भारतीय संरक्षणवादी मोहम्मद दिलावर ने ही की थी। पिछले 12 वर्षों से इस नन्हे से परिंदे को बचाने के लिए 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन लोगों को जैव विविधता और प्रकृति की सुंदरता की प्रशंसा करने और इसकी रक्षा करने के लिए जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। गौरैया पर मंडरा रहे खतरे के कारण ही सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद मोहम्मद दिलावर के प्रयासों से 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाने की शुरुआत हुई जिससे लोग इस पक्षी के संरक्षण के प्रति जागरूक हो सके।

गौरैया पक्षी के बारे में (About Sparrow)

 गौरैया को कुछ लोग विवर फिंच परिवार की सदस्य मानते हैं लेकिन गौरैया पसेराडेई परिवार की सदस्य है। गौरैया पक्षी 14 से 16 सेंटीमीटर लंबी होती है। इनका वजन 25 से 32 ग्राम तक होता है। एक समय में इसके कम से कम 3 बच्चे होते हैं। गौरैया पक्षी झुंड बनाकर रहती है। गौरैया का एक झुंड भोजन तलाशने के लिए अधिक से अधिक 2 मील की दूरी तय करता है। गौरैया पक्षी कूड़े में भी अपना भोजन ढूंढ लेते हैं।

विलुप्त होती गौरैया

 पहले जब गौरैया अपने बच्चों को दाना चुगाती थी तो हमारे बच्चे उसे बड़े आश्चर्य और कौतूहल से देखते थे लेकिन जबसे गौरैया विलुप्त विलुप्त होती प्रजातियों की सूची में आ गई है तब से इस के दर्शन भी दुर्लभ हो गए हैं। पक्षी विज्ञानी हेमंत सिंह के अनुसार गौरैया की आबादी में 60 से 80 फ़ीसदी तक की कमी आई है। गौरैया को बचाने के लिए यदि विश्व स्तर पर प्रयास नहीं किए गए तो एक दिन ऐसा आएगा, जब यह नन्हा सा परिंदा इतिहास का प्राणी बन जाएगा और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए यह दुर्लभ प्राणी बन जाएगा।
पश्चिमी देशों में हुए अध्ययनों के अनुसार गौरैया की आबादी घटकर खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। आंध्र विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार भी इसकी आबादी में 60 फ़ीसदी की कमी आई है। गौरैया ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में विलुप्त हो रही है।

पूरे विश्व में तेजी से विलुप्त हो रही गौरैया आज एक संकटग्रस्त पक्षी है। आज से 20 वर्ष पूर्व गौरैया के झुंड सार्वजनिक स्थलों पर भी देखे जाते थे। गौरैया एक ऐसा पक्षी है जो स्वयं को परिस्थितियों के अनुकूल बना लेती है। आज यह पक्षी भारत ही नहीं यूरोप के कई बड़े हिस्सों में भी विलुप्त हो रही है। नीदरलैंड में गौरैया को ‘ दुर्लभ प्रजाति’ की श्रेणी में रखा गया है। इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और चेक गणराज्य जैसे देशों में भी इनकी संख्या में तेजी से कमी आ रही है। भारत से लेकर विश्व के विभिन्न हिस्सों में अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययनों के आधार पर ब्रिटेन की ‘ रायल सोसायटी आफ प्रोटक्शन आफ बर्ड्स’ ने गौरैया को ‘ रेड लिस्ट’ में डाल दिया है।

गौरैया की घटती संख्या के कारण

गौरैया की संख्या में कमी के कुछ मुख्य कारण है-

  1. तेजी से कटते पेड़ पौधे
  2. घोसलो के लिए उचित स्थानों की कमी।
  3. भोजन और जल की कमी।
  4. आजकल लोग खेतों से लेकर अपने गमले के पेड़- पौधे में भी रासायनिक पदार्थों का उपयोग करने लगे हैं जिससे पौधों को कीड़े नहीं लगते जोकि गौरैया के बच्चों के शुरुआती दिनों का आहार होते हैं। समुचित भोजन ना मिल पाने के कारण गौरैया के अतिरिक्त दुनिया भर के हजारों पक्षी आज या तो अपनी अंतिम सांसे गिन रहे हैं या विलुप्त हो चुके हैं
  5. अनाज में कीटनाशक का प्रयोग, आहार की कमी और मोबाइल फोन तथा मोबाइल टावरों से निकलने वाले सूक्ष्म तरंगे गौरैया के अस्तित्व के लिए खतरा बन रहे हैं।
  6. आज लोग अपने घरों में गौरैया के घोसले को बसने से पहले ही उजाड़ देते हैं इसलिए लोगों में गौरैया को लेकर जागरूकता फैलाना आवश्यक है
  7. कई बार बच्चे गौरैया को पकड़कर इसके पैर में धागा बांध देते हैं जिससे उनकी पहचान हो सके और जिसके कारण किसी पेड़ की टहनी में या शाखाओं में अटक कर इस पक्षी की जान चली जाती है।
    कई बार बच्चे गौरैया को पकड़कर इसके पंखों को रंग देते हैं जिसका उसके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है तथा उसे उड़ने में भी परेशानी होती है।

गौरैया को बचाने के उपाय

  1. गौरैया को बचाने के लिए लोगों को अपने घरों में गौरैया के घोंसले के लिए जगह उपलब्ध करानी चाहिए। जिससे गौरैया अपना घोंसला सरलता से बना सके तथा अपने अंडों और बच्चों को हमलावर पक्षियों से सुरक्षित रख सके
  2. वैज्ञानिकों की दृष्टि से गौरैया के ह्रास का एक बड़ा कारण है हमलावर पक्षी जो घोसालो के सुरक्षित ना होने पर उनके बच्चों और अंडों को खा जाते हैं।
  3. आज गौरैया पक्षी अपने अस्तित्व के लिए मनुष्य और पर्यावरण से काफी संघर्ष कर रही है। अतः हमें पक्षियों के लिए वातावरण को इनके प्रति अनुकूल बनाना चाहिए।
  4. गौरैया की भोजन पानी के लिए हमें छत पर रोज किसी खुली छाएदार जगह पर कटोरा या किसी मिट्टी के बर्तन में इनके लिए चावल और पीने के लिए साफ बर्तन में पानी रखना चाहिए।

गौरैया दिवस मनाने का क्या है उद्देश्य ?

दो दशक पहले झुंड में दिखने वाला यह नन्हा सा परिंदा, हमारे घर आंगन ने फुदकने वाली गौरैया आज भी लुप्त प्राय हो चुकी है। विश्व गौरैया दिवस मनाने का उद्देश्य है, गौरैया के संरक्षण के प्रति जागरूक करना। गौरैया के अस्तित्व को बचाने के लिए पूरे विश्व में 13 वर्षों से गौरैया दिवस मनाया जा रहा है। कुछ वर्षों पहले आसानी से दिखने वाला यह पक्षी अब तेजी से विलुप्त हो रहा है। भारत में गौरैया की संख्या लगातार कम होती जा रही है। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2012 में गौरैया को ‘ राज्य पक्षी’ घोषित कर दिया था।

विश्व गौरैया दिवस, गौरैया के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। पहले हमारे घर के पिछवाड़े में घरेलू गौरैया को देखना आसान था लेकिन हाल की कुछ वर्षों में हमने प्रकृति और जैव विविधता के साथ संपर्क खो दिया है। शहर के साथ-साथ गांव में भी गौरैया को ढूंढना कठिन हो गया है। ‘ विश्व गौरैया दिवस’ का उद्देश्य न केवल इस घटना का सम्मान करना है अपितु इस दिन को गौरैया संरक्षण और शहरी जैव विविधता के प्रति जागरूक करना है।

विश्व गौरैया दिवस 2023 की थीम

विश्व गौरैया दिवस 2023 की थीम है-
“I Love Sparrow”

Read More About Interesting facts :