October 15, 2024
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24 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस(Why is Uttar Pradesh Foundation Day Celebrated Only on 24 January) : उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस(Foundation Day of Uttar Pradesh)

Foundation Day Of Uttar Pradesh, 24 January: उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस विशाल राज्य के गौरवशाली अतीत और स्वर्णिम भविष्य का उत्सव है। उत्तर प्रदेश जनसंख्या, धार्मिक स्थल, संस्कृति और साहित्य के अलावा राजनीति को लेकर भी चर्चा में रहता है। जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है और क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन क्या आप जानते हैं इस विशाल राज्य की स्थापना कब हुई? क्या है इस राज्य का इतिहास? और 24 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस? आइए जानते हैं-

24 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस(Why is Uttar Pradesh Foundation Day Celebrated Only on 24 January) : उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस(Foundation Day of Uttar Pradesh)
Foundation Day of Uttar Pradesh || उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस || Uttar Pradesh Foundation Day || UP Foundation Day In Hindi

Uttar Pradesh Foundation Day: उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस विशाल राज्य के गौरवशाली अतीत और स्वर्णिम भविष्य का उत्सव है। उत्तर प्रदेश जनसंख्या, धार्मिक स्थल, संस्कृति और साहित्य के अलावा राजनीति को लेकर भी चर्चा में रहता है।

जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है और क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन क्या आप जानते हैं इस विशाल राज्य की स्थापना कब हुई? क्या है इस राज्य का इतिहास? और 24 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस? आइए जानते हैं-

24 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस(Why is Uttar Pradesh Foundation Day Celebrated Only on 24 January) ?

24 जनवरी 1950 को भारत के गवर्नर जनरल द्वारा ‘संयुक्त प्रांत’ को उत्तर प्रदेश नाम से नामकरण किया गया। इसके बाद से इसे उत्तर प्रदेश के नाम से जाना जाने लगा।

उत्तर प्रदेश का इतिहास (History of Uttar Pradesh )

प्राचीन काल में उत्तर प्रदेश का क्षेत्र ‘मध्य देश’ के नाम से जाना जाता था। इसका इतिहास आर्यों के आगमन के पूर्व से ही प्रारंभ होता है। ऋग्वेद काल में यह प्रदेश महत्वपूर्ण हो गया था तथा आर्यों ने सबसे पहले जिस ‘सप्त सिंधु’ प्रदेश में अपनी बस्तियों का निर्माण किया प्रयाग तक गंगा तथा यमुना नदियों से घिरा वहीं क्षेत्र ‘मध्य देश’ कहलाया।

हिंदू कथा साहित्य में इस प्रदेश को परम पवित्र माना गया है क्योंकि रामायण एवं महाभारत में वर्णित महापुरुषों का निवास इसी क्षेत्र में था। प्राचीन काल के 16 महाजनपदों में से कुरु,पांचाल, सूरसेन, वत्स, कौशल, मल्ल, काशी आदि इसी प्रदेश में अवस्थित थे।

कालांतर में कौशल, काशी, अवंती तथा वत्स महाजनपदों पर मगध का अधिपत्य स्थापित हुआ, जिसमें हर्यक,शिशुनाग तथा नंद वंश के शासको ने शासन किया। मौर्य एवं गुप्त वंश के शासको का राज्य भी इसी प्रदेश पर रहा। 9वीं एवं 10वीं शताब्दी में महमूद गजनवी के आक्रमण (1018- 19) के पूर्व इस क्षेत्र पर गुर्जर प्रतिहार वंश के शासको ने राज्य किया। बाद में यह क्षेत्र दिल्ली सल्तनत तथा मुगल बादशाहों के आधिपत्य में आ गया। 1761 में मुगल सम्राट शाह आलम द्वारा उत्तर प्रदेश को अपनी राजधानी बना देने से इस प्रदेश का महत्व बढ़ गया।

1754 से 1775 तक अवध के तीसरे नवाब शुजाउद्दौला के शासनकाल में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का संपर्क अवध के नवाबों से हुआ। 1765 की बक्सर की लड़ाई में नवाब शुजाउद्दौला के अंग्रेजों से पराजित हो जाने के कारण कड़ा एवं इलाहाबाद(अब प्रयागराज)क्षेत्र अंग्रेजों को मिल गया। 1856 में अवध की नवाबी पर अंग्रेजों का आधिपत्य हो गया और 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय सबसे भयानक विद्रोह इसी प्रदेश में हुआ।

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, अवध की बेगम हजरत महल, बख़्त खां,कानपुर के नाना साहब एवं तात्या टोपे, मौलवी अहमदुल्लाह शाह, राणा बेनी माधव सिंह, अजीमुल्ला खान आदि ने अंग्रेजों का डटकर मुकाबला किया। और स्वतंत्रता की बलि वेदी पर अपने प्राण न्योछावर करके स्वाधीनता के शहीदों में अपना नाम लिखाया।

1858 में भारत की सत्ता के ईस्ट इंडिया कंपनी से महारानी विक्टोरिया के हाथों में आ जाने पर दिल्ली डिवीजन को उत्तर पश्चिम प्रदेश से अलग कर दिया गया तथा प्रदेश की राजधानी आगरा से इलाहाबाद(प्रयागराज )स्थानांतरित कर दी गई। 1877 में ‘उत्तर- पश्चिम प्रदेश तथा अवध’ को सम्मिलित रूप से ‘ उत्तर- पश्चिम प्रदेश आगरा एवं अवध’ कहा जाने लगा।

1902 में इसका नाम बदलकर ‘आगरा और अवध संयुक्त प्रांत’ कर दिया गया। 1921 में एक गवर्नर की नियुक्ति करके इसकी राजधानी इलाहाबाद से लखनऊ स्थानांतरित कर दी गई तथा 1937 में इसका संक्षिप्त नाम ‘ संयुक्त प्रांत रखा गया’ इसका वर्तमान नाम उत्तर प्रदेश 24 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया।

उत्तर प्रदेश राज्य का क्षेत्रफल

उत्तर प्रदेश राज्य का क्षेत्रफल 2,43,286 वर्ग किलोमीटर है। इसकी सीमाएं उत्तर में उत्तरांचल तथा नेपाल, उत्तर पश्चिम में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण में मध्य प्रदेश, दक्षिण पश्चिम में राजस्थान, पूर्व में बिहार तथा पश्चिम में हरियाणा एवं दिल्ली से जुड़ती हैं।

उत्तर प्रदेश की जनसंख्या

जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या लगभग 22 करोड़ है। उत्तर प्रदेश राज्य की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यदि उत्तर प्रदेश को देश की श्रेणी में रखा जाए तो यह चीन, भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया और ब्राजील के बाद छठा सबसे बड़ा देश होगा। उत्तर प्रदेश में 75 जिले और 18 मंडल है।

उत्तर प्रदेश के प्रमुख नगर

उत्तर प्रदेश के प्रमुख नगर हैं – लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, सहारनपुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, मथुरा कानपुर, गोरखपुर, फिरोजपुर, झांसी, बरेली, मुरादाबाद, गाजियाबाद आदि।

उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियां

उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियां, गंगा, जमुना, रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, टोंस, बेतवा, काली या शारदा, चंबल, सिंध, केन सोन राप्ती।

कैसे मनाया जाएगा उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस 2024(How will be Celebrated the Foundation Day of Uttar Pradesh 2024)

2024 का उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस निवेश और रोजगार पर आधारित होगा। 24 से 26 जनवरी तक उत्तर प्रदेश दिवस को जन सहभागिता के साथ समारोह पूर्वक मनाया जाएगा। इस आयोजन की मुख्य थीम है “निवेश एवं रोजगार”।

स्थापना दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा विशिष्ट प्रतिभाओं को

उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर 24 जनवरी से 26 जनवरी तक होने वाले स्थापना दिवस 2024 के आयोजन में इन्वेस्टर्स समिट के बाद जनपद ऐसे स्थापित उद्योगपतियों को सम्मानित किया जाएगा जो युवा पीढ़ी के लिए अनुकरणीय हो। ऐसे उद्योगपतियों को 24 से 26 जनवरी तक कलेक्ट्रेट पर आमंत्रित किया जाएगा जिन्होंने जिले में निवेश एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। इसके अतिरिक्त विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाएगा तथा सम्मानित प्रतिभाओं की सफलता की कहानी को फोटो और शॉर्ट फिल्म के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस 2024 पर होने वाले आयोजन

उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जो इस प्रकार हैं-

प्रदर्शनी का होगा आयोजन

उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, औद्योगिक विकास, साइबर सुरक्षा और उन्नत प्राकृतिक कृषि विषयों पर प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी।

उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर निवेश और रोजगार पर आधारित संगोष्ठियां, रोड शो, उद्यमी सम्मेलन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस दिन को हस्तशिल्प एवं ग्रामोद्योग मेला संबंधित विभागों के माध्यम से मनाया जाएगा। इस दिन में विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित कराई जाएंगी ।