November 22, 2024
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क्या भाजपा के गढ़ पोरबंदर से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे स्वास्थ्य मंत्री Mansukh L. Mandaviya की राह होगी आसान ?

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भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले गुजरात के पोरबंदर लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद रमेश भाई लवजी भाई धांधुक का टिकट काटकर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को चुनावी मैदान में उतारा है। मनसुख मांडविया पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को गुजरात की पोरबंदर सीट पर कांग्रेस के प्रमुख नेता ललित बसोया से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है। हालांकि पोरबंदर के कांग्रेस के प्रमुख नेता रहे अर्जुन मोढवाड़िया भाजपा में शामिल हो गए हैं जिससे समीकरण भाजपा के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का राजनीतिक सफर

मनसुख मांडविया भाजपा के उन नेताओं में है जो युवावस्था में ही काफी आगे बढ़ गए। वह 2002 में जब वह पहली बार विधायक बने थे तो गुजरात विधानसभा के सबसे युवा विधायक थे। किसान परिवार और ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले मांडवीया ने अपनी राजनीतिक यात्रा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू की थी। बाद में वह युवा मोर्चा में रहे और 2013 में गुजरात के प्रदेश सचिव भी रहे। 2010 में उनका गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष बनाया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद माने जाने वाले मंडविया वर्ष 2012 में राज्यसभा सदस्य बने। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने पर वह 2016 में बतौर राज्य मंत्री सरकार में शामिल हुए। तब से वह लगातार मंत्री हैं। 2021 में उनकी पदोन्नति करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया और स्वास्थ्य जैसा अहम मंत्रालय सौंपा गया।
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दो बार राज्यसभा सांसद रह चुके कई नेताओं को चुनाव लड़ने का फैसला किया है तो मांडविया भी लोकसभा की जंग में उतरे हैं।

मंत्री बनने के बाद साइकिल से दफ्तर जाने के कारण चर्चा में रहे

सीधे- साधे और सादगी पसंद मनसुख मांडविया मंत्री बनने के बाद शपथ ग्रहण करते ही अपने दफ्तर साइकिल पर जाने के कारण भी काफी चर्चा में रहे हैं।

क्या पोरबंदर में मनसुख मांडविया की राह होगी आसान ?

गुजरात भाजपा का गढ़ माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने से यहां पर भाजपा निश्चिंत रहती है। पिछले दो लोकसभा चुनाव से उसने राज्य की सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की है। बीते दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज कर प्रमुख विरोधी कांग्रेस को साफ कर दिया।

वहीं पोरबंदर देश के इतिहास में महात्मा गांधी से जुड़ा होने के कारण विख्यात है। कभी यह कांग्रेस का गढ़ था लेकिन अब भाजपा का गढ़ बन गया है। यहां के कांग्रेस के बड़े नेता अर्जुन मोढवाडिया के भाजपा में आने के बाद भाजपा के लिए यहां की सीट पर जीत दर्ज करना आसान दिख रहा है। हालांकि मनसुख मांडविया का यह पहला लोकसभा चुनाव है और उनके सामने कांग्रेस के यहां से सक्रिय नेता ललित बसोया है। जिसके कारण उनकी राह में कुछ मुश्किलें भी हैं लेकिन मांडविया का अधिकतर दारोमदार मोदी लहर पर ही टिका है।