अबू धाबी में क्यों और कैसे बना भव्य और विशाल BAPS मंदिर?: BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi
About BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi In Hindi: संयुक्त अरब अमीरात (UAE)के अबू धाबी में भव्य मंदिर बनकर तैयार है और बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन भी कर दिया है। अबू धाबी (Abu Dhabi) में बने इस मंदिरने अयोध्या के आनंद को और भी बढ़ा दिया है। अबू धाबी में बने इस विशाल और भव्य मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यूएई में हिंदू मंदिर सद्भाव और विश्व एकता का प्रतीक है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक मुस्लिम देश में इतना भव्य BAPS मंदिर कैसे बना? क्या है BAPS? BAPS Mandir को बनाने की मांग कब और कैसे उठी? और क्या है इस मंदिर की विशेषताएं? आइए जानते हैं-
क्या है बीएपीएस (What is BAPS)?
बीएपीएस (BAPS) का अर्थ है, बोचासनवासी अक्षरधाम पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्था जो हिंदू धर्म के वैष्णव संप्रदाय, स्वामीनारायण संप्रदाय का एक संप्रदाय है। अबू धाबी में मंदिर का निर्माण बीएपीएस ने ही करवाया है। बीएपीएस एक सामाजिक आध्यात्मिक हिंदू आस्था है जिसकी जड़ें वेदों में है और इसकी शुरुआत 18वीं सदी के अंत में भगवान स्वामी नारायण (1781- 1830) ने की थी और 1907 में शास्त्री जी महाराज (1865- 1951)ने इसकी स्थापना की थी।
BAPS के दुनिया भर में 3,850 से अधिक केंद्र हैं और 1,550 से अधिक मंदिरों का नेटवर्क है। न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में अक्षरधाम मंदिर भी इसी संस्था ने बनवाया था जो दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। बीएपीएस के मंदिरों में नई दिल्ली और गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर और लंदन, ह्यूस्टन, शिकागो, अटलांटा, टोरंटो, लॉस एंजिल्स और नैरोबी में स्वामीनारायण मंदिर शामिल है।
कहां बना है यह BAPS मंदिर?
बीएपीएस(BAPS) मंदिर संयुक्तअरब अमीरात के अबू धाबी में निर्मित पहला हिंदू मंदिर है जो राजधानी के अबू मुरीखा क्षेत्र में स्थित है। मंदिर के लिए जमीन संयुक्त अरब अमीरात में दान में दी है।
अबू धाबी में ऐसा भव्य हिंदू मंदिर बनाने के पीछे क्या है कारण ?
बीएपीएस (BAPS) के 10वें आध्यात्मिक गुरु और स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख स्वामी महाराज ने 5 अप्रैल 1997 को अबू धाबी के रेगिस्तानी रेत में एक हिंदू मंदिर की कल्पना की थी। उनका मानना था कि एक हिंदू मंदिर देशों समुदायों और संस्कृतियों को एक साथ ला सकता है। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासियों की संख्या लगभग 3.3 मिलियन है जो देश की आबादी का एक बड़ा प्रतिशत है और इनमें भी लगभग 150 से 200 परिवार बीएपीएस स्वामीनारायण भक्त हैं। इन भारतीय समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण पूजा स्थल की आवश्यकता भी थी।
स्वामीनारायण संप्रदाय के आध्यात्मिक गुरु के इस स्वप्न को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार किया। 2015 में पीएम मोदी की पहली यूएई यात्रा के दौरान ही यूएई ने अबू धाबी में मंदिर बनाने के लिए जमीन आवंटित करने का फैसला किया। फरवरी 2018 में पीएम मोदी ने मंदिर के लिए परियोजना का उद्घाटन किया। दिसंबर 2019 में मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हुआ और 2024 में यह मंदिर पूरी तरह से बन कर तैयार हो गया।
क्या है मंदिर की विशेषताएं (What is Specialties of BAPS Temple)
- अबू धाबी में बना यह भव्य हिंदू मंदिर 27 एकड़ में फैला है, जिसमें 13.5 एकड़ में मंदिर परिसर है और 13.5 एकड़ का पार्किंग क्षेत्र है,जिसमें लगभग 1,400 करें और 50 बसें रह सकती हैं।
- इस भव्य मंदिर का निर्माण शिल्प और स्थापत्य शास्त्रों में वर्णित निर्माण की प्राचीन शैली अर्थात नागर शैली में किया गया है। शिल्प और स्थापत्य शास्त्र ऐसे हिंदू ग्रंथ हैं जो मंदिर के डिजाइन और निर्माण की कला का वर्णन करते हैं।
- मंदिर की ऊंचाई 108 फीट, लंबाई 262 फीट, और चौड़ाई 180 फिट है।
- इस मंदिर के बाहरी हिस्से में राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है और आंतरिक भाग में इतालवी संगमरमर का उपयोग किया गया है।
- मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है। नींव भरने के लिए उड़न राख यानी फ्लाई ऐश (कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख) का उपयोग किया गया है।
- तापमान मापने और भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने के लिए मंदिर में 300 से अधिक उच्च तकनीक वाले सेंसर लगे हैं।
- मंदिर के सात शिखर है महत्वपूर्ण: संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करने वाले सात शिखर, ऊंट की नक्काशी और राष्ट्रीय पक्षी बाज अबू धाबी में बने पहले हिंदू मंदिर में मेजबान देश की झलक पेश करते हैं। बीएपीएस के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्माविहरिदास ने बताया कि यह सात शिखर सात महत्वपूर्ण देवताओं को समर्पित हैं। शिखर पर भगवान राम, भगवान शिव ,भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, भगवान स्वामी नारायण, तिरुपति बालाजी और भगवान अय्यप्पा की मूर्तियां हैं।
- मंदिर में दो केंद्रीय गुंबद है दोनों गुंबद शांति और सद्भाव पर आधारित है।
- मंदिर के दोनों किनारो पर गंगा जमुना का पवित्र जल बहता है, जो बड़े-बड़े कंटेनरों में भरकर भारत से ले जाया गया है।
- मंदिर में रामायण और महाभारत सहित भारत की 15 कहानियों के अलावा माया, एजटेक, मिस्र,अरबी, यूरोपीय, चीनी और अमेरिकी सभ्यताओं की कहानियों को भी दर्शाया गया है।
- मेजबान देश यूएई को समान प्रतिनिधित्व देने के लिए भारतीय पौराणिक कथाओं में हाथी, ऊंट और शेर जैसे महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले जानवरों के साथ यूएई के राष्ट्रीय पक्षी बाज को भी डिजाइन में शामिल किया गया है।
- 700 करोड रुपए की लागत से बना यह अद्भुत वास्तुशिल्प और नक्काशी के साथ एक विस्तृत क्षेत्र में फैला बीएपीएस(BAPS)मंदिर खाड़ी क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर होगा।
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