July 27, 2024

Unsung Warrior Of Ayodhya Ram Mandir Movement: एक ऐसी महारानी जिन्होंने राम मंदिर तोड़ने वाले मीर बाकी को युद्ध में मार गिराया ,महारानी जयाकुमारी

Unsung Warrior Of Ayodhya Ram Mandir Movement: आज सभी रामभक्तों का 500 वर्षों का इंतजार समाप्त हो गया है। लाखों लोगों की कुर्बानियों के बाद आज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर राम जन्मभूमि पर बनकर तैयार हो गया है और भगवान श्री राम उसमें विराजमान भी हो गए हैं। लेकिन इस मंदिर के लिए ना जाने कितने लोगों ने अपने प्राण भी न्योछावर कर दिए हैं। इन्हीं में से एक थीं महारानी जयाकुमारी जिन्होंने 500 वर्ष पहले राम मंदिर की रक्षा के लिए बाबर की सेना के खिलाफ युद्ध का बिगुल फूंक दिया था।

आइए जानते हैं कैसे एक स्त्री होकर हंसवर स्टेट की महारानी जया कुमारी ने राम मंदिर की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए

Rani Jayakumari Paliwal Rajput_Warrior of Ayodhya Mandir

एक ऐसी महारानी जिन्होंने राम मंदिर तोड़ने वाले मीर बाकी को युद्ध में मार गिराया - महारानी जयाकुमारी

आज सभी रामभक्तों का 500 वर्षों का इंतजार समाप्त हो गया है। लाखों लोगों की कुर्बानियों के बाद आज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर राम जन्मभूमि पर बनकर तैयार हो गया है और भगवान श्री राम उसमें विराजमान भी हो गए हैं। लेकिन इस मंदिर के लिए ना जाने कितने लोगों ने अपने प्राण भी न्योछावर कर दिए हैं। इन्हीं में से एक थीं महारानी जयाकुमारी जिन्होंने 500 वर्ष पहले राम मंदिर की रक्षा के लिए बाबर की सेना के खिलाफ युद्ध का बिगुल फूंक दिया था।

आइए जानते हैं कैसे एक स्त्री होकर हंसवर स्टेट की महारानी जया कुमारी ने राम मंदिर की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए

कौन थी महारानी जया कुमारी

महारानी जया कुमारी हंसवर स्टेट के राजा रणविजय सिंह की पत्नी थी। आज से लगभग 500 वर्ष पहले राम मंदिर को बचाने के लिए हंसवर स्टेट के राजा रणविजय सिंह ने मुगल शासक बाबर के सेनापति मीर बाकी से युद्ध किया था। मंदिर की रक्षा करते समय वे वीरगति को प्राप्त हो गए। तब उनकी पत्नी महारानी जया कुमारी ने महिलाओं की एक सेना बनाई और बाबर के खिलाफ युद्ध का बिगुल फूंक दिया था

1527 से 1529 के बीच जब बाबर का सेनापति मीर बाकी राम मंदिर को ध्वस्त कर रहा था उस समय हंसवर स्टेट के राजा रणविजय सिंह ने राम मंदिर की रक्षा के लिए मीर बाकी के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया, लेकिन बाबर की सेना की तुलना में महाराज रणविजय सिंह की सेना बहुत छोटी थी और सेना के पास उस समय के आधुनिक हथियारों का भी अभाव था, जिसके कारण बाबर की सेना के सामने उनकी सेना टिक नहीं सकी और महाराज रणविजय सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए।

महारानी ने उठाया मंदिर की रक्षा का वीणा

महाराज रणविजय सिंह की मृत्यु के पश्चात उनकी पत्नी जया कुमारी ने मंदिर की रक्षा का करने का निश्चय किया और उन्होंने महिलाओं की सेना बनाई। उस समय बाबरी मस्जिद का निर्माण शुरू हो चुका था। हंसवर स्टेट की इस वीरांगना ने बाबर की सेना के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। कई महीनों तक छापामार युद्ध हुआ। महारानी जया कुमारी ने बाबर की सेना का डटकर मुकाबला किया और इस छापामार युद्ध में बाबर के सेनापति मीर बाकी को मार गिराया और राम मंदिर पर अधिकार कर लिया।

बाबर से युद्ध करते समय वीरगति को प्राप्त हुई

मीर बाकी के मारे जाने और राम मंदिर पर महारानी जयाकुमारी के कब्जे की सूचना मिलते ही मुगल शासक बाबर ने विशाल सेना के साथ महारानी पर आक्रमण कर दिया। बाबर से युद्ध करते हुए महारानी जयाकुमारी वीरगति को प्राप्त हुई।

महाराज के वंशजों को भेजा गया प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण

राम मंदिर की रक्षा में हंसवर स्टेट के इस वीरता पूर्ण योगदान को देखते हुए महाराज रणविजय सिंह के वंशज नरेंद्र मोहन सिंह उर्फ संजय सिंह को 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भेजा गया है। महारानी जया कुमारी की एक तस्वीर भी अयोध्या में लगाई गई है। महाराज के वंशज नरेंद्र मोहन ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि उत्सव का निमंत्रण पाकर वे धन्य हो गए हैं। नरेंद्र मोहन सिंह वर्तमान में बसखारी ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख भी हैं।