December 21, 2024
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

सारण सीट पर राजद और भाजपा के बीच चुनावी संग्राम: Lok Sabha Election 2024 Phase 5 Voting

image 1 3

Lok Sabha Election 2024 Phase 5 Voting: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्म भूमि सारण लोकसभा सीट बिहार की सबसे हाई प्रोफाइल संसदीय सीट मानी जाती है। इस क्षेत्र में तमाम बड़ी-बड़ी राजनीतिक हस्तियों ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। इसे अपना कर्म क्षेत्र बनाया,जिनमें प्रमुख नाम हैं,राजीव प्रताप रूडी, लालू प्रसाद यादव पूर्व मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा, दरोगा प्रसाद, अब्दुल गफूर, राबड़ी देवी। भोजपुरी के मशहूर लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की जन्म भूमि रही बिहार की सारण सीट पर इस बार चुनावी संग्राम रोचक है। मैदान में पुराने महारथी पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी है तो उन्हें चुनौती देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में उतरी हैं।

अपना भविष्य सुरक्षित रखने के प्रयास में महुआ मोइत्रा

क्या है सारण लोकसभा सीट का इतिहास?

सारण लोकसभा क्षेत्र पहले छपरा लोकसभा क्षेत्र नाम से जाना जाता था। 2008 के परिसीमन के बाद इसका नाम छपरा से बदलकर सारण लोकसभा हो गया। सारण लोकसभा में छः विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें गढ़खा एक सुरक्षित सीट है बाकी पांच अन्य सामान्य सीटें हैं। इस सीट पर राजनीतिक विरासत की बात की जाए तो 1952 से 1971 तक यह कांग्रेस का गढ़ रहा। 1977 में जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस किले में सेंधमारी की और छपरा के सांसद बने। 1980 में जनता पार्टी से सत्यदेव सिंह और 1984 में राम बहादुर सिंह निर्वाचित हुए, लेकिन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उपजी सहानुभूति की लहर के बावजूद कांग्रेस यहां पर जीत नहीं दर्ज कर पाई। वीपी लहर के दौरान 1989 में लालू प्रसाद दोबारा सांसद बने। 1996 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रूडी पहली बार चुनाव जीते। 1999 में भी वह दूसरी बार निर्वाचित हुए।2004 के आम चुनाव में लालू प्रसाद तीसरी बार छपरा से सांसद बने 2009 में भी लगातार दूसरी बार लालू प्रसाद चुनाव जीत कर चौथी बार सांसद बनने में कामयाब हुए।

2014- 2019 में राजीव प्रताप रूडी ने जीत दर्ज की

2014 में राजीव प्रताप रूडी ने लालू प्रसाद की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को शिकस्त देकर जीत दर्ज की। वही 2019 में रूडी ने तेज प्रताप के ससुर चंद्रिका राय जो पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय के पुत्र हैं को शिकस्त दी थी।

पटना साहिब से दूसरी बार पार्टी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी

इस सीट पर राजद और भाजपा में रहा संघर्ष

मुख्य रूप से राजपूत बाहुल्य इलाके की इस सीट पर राजपूत और यादव के बीच ही संघर्ष रहा है। इस सीट से प्रतिनिधित्व की बात करें तो इस समय भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी इस क्षेत्र से सांसद हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रह चुके राजीव प्रताप रूडी 2014 की मोदी सरकार में कौशल विकास मंत्री थे।

इस सीट पर मुकाबले की बात करें तो सारण लोकसभा सीट पर मुकाबला हमेशा राजद और भाजपा के बीच में ही रहा है। 2024 के चुनाव में इस क्षेत्र में लालू यादव परिवार का विशेष प्रभाव होने के कारण उनके परिवार से लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में है।

इस क्षेत्र के उद्योग की बात की जाए तो सारण के मढ़ौरा में तीन फैक्ट्रियां हुआ करती थी, जिसमे चीनी मिल, मॉर्टन चॉकलेट फैक्ट्री और सारण हेवी इंजीनियरिंग की फैक्ट्री थी, जहां बड़े-बड़े कारखाने के टूल्स बनाए जाते थे। यहां से इनका निर्यात किया जाता था। 1990 के बाद राजनीतिक घटनाक्रम ऐसा बदला की तीनों मिलें एक-एक करके बंद होती गईं। हालांकि 2004 में जब यूपीए की सरकार बनी तो यूपी सरकार में लालू यादव ने रेल मंत्री के रूप में मढ़ौरा में डीजल रेल इंजन कारखाना बनवाया और गरियापुर में रेल चक्का फैक्ट्री दी। हालांकि इस समय मढ़ौरा का रेल डीजल इंजन कारखाना है अमेरिका की जी कंपनी द्वारा चलाया जा रहा है।

क्या है सारण लोकसभा सीट की खासियत

गंगा गंडक एवं घाघरा नदी से गिरा सारण जिला भारत में मानव बसाव के सर्वाधिक प्राचीन केंद्रों में से एक है यहां की भाषा भोजपुरी है। सोनपुर मेला चिरांद पुरातत्व स्थल यहां की पहचान है। लोकनायक जेपी की क्रांति का सारण पर असर रहा तो प्रसिद्ध भोजपुरी लोक कलाकार और गायक भिखारी ठाकुर की जन्म भूमि से भी इसकी पहचान है। यहां रेल पहियों और डीजल इंजन की फैक्ट्री स्थापित है।

कड़े मुकाबले के बीच फांसी अयोध्या (फैजाबाद) लोकसभा सीट

राजीव प्रताप रूडी चार बार रह चुके हैं सांसद

सारण लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी सुखोई और राफेल जैसे लड़ाकू विमान उड़ाने में भी माहिर हैं। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से चुनावी राजनीति में आने के बाद विधायक बने और फिर चार बार सांसद बने। लोकसभा के साथ ही राज्यसभा जाने और दो-दो बार केंद्र से मंत्री बनने का भी उन्हें मौका मिला।

पहली बार चुनाव मैदान में उतरी रोहिणी आचार्य

राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्य एमबीबीएस है सिंगापुर में रहने वाली रोहिणी द्वारा पिता लालू प्रसाद को किडनी दान देने के बाद देशभर में उनकी प्रशंसा हुई थी। चुनावी जंग में वह नई हैं पर रोड शो व जनसंपर्क अभियान में उनका अंदाज एक मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी की तरह है।