December 22, 2024
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प्रत्येक नवरात्र में अलग-अलग वाहनों पर मां का आगमन और प्रस्थान क्यों होता है? और क्या हैं इसके शुभ और अशुभ फल?: Shardiya Navratri

प्रत्येक नवरात्र में अलग-अलग वाहनों पर मां का आगमन और प्रस्थान क्यों होता है? और क्या हैं इसके शुभ और अशुभ फल?: Shardiya Navratri 2024

इस शारदीय नवरात्र मां दुर्गा का पालकी पर होगा आगमन और मुर्गे पर होगा प्रस्थान, क्या है इसके शुभ और अशुभ फल

Shardiya Navratri: शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। शारदीय नवरात्र मां दुर्गा की विजय का उत्सव है। 9 दिन महाबाली दैत्य महिषासुर से प्रचंड युद्ध कर, दसवें दिन मां भगवती ने महिषासुर का वध करके विजय प्राप्त की थी। अश्विन माह शरद ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। इसलिए इसे शारदीय नवरात्र कहा जाता है। सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए शारदीय नवरात्र मनाया जाता है जबकि आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए चैत्र नवरात्रि मनाया जाता है।

प्रत्येक नवरात्रि में अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर मां का आगमन होता है। इस बार मां दुर्गा का आगमन पालकी पर हो रहा है और प्रस्थान मुर्गे पर हो रहा है। प्रत्येक नवरात्र में अलग-अलग वाहनों पर मां का आगमन और प्रस्थान क्यों होता है? और क्या हैं इसके शुभ और अशुभ फल? आईए जानते हैं-

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देवी भागवत के अनुसार मां दुर्गा का वाहन शेर है लेकिन प्रत्येक वर्ष मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा का किस वाहन पर आगमन होगा यह दिन के अनुरूप तय होता है। देवी भागवत के एक श्लोक के अनुसार

शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे ।
गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता ।।

अर्थात् रविवार और सोमवार को नवरात्रि प्रारंभ होने पर मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है। मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होता है। हाथी पर माता का आगमन शुभ माना जाता है। यह अच्छी वर्षा का प्रतीक माना जाता है। माता के इस प्रकार आगमन से मां की कृपा प्राप्त होती है।

शनिवार और मंगलवार को कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा का वाहन घोड़ा होता है। घोड़े पर माता का आगमन सत्ता परिवर्तन या युद्ध का प्रतीक है। माता का घोड़े पर आगमन सत्ता पक्ष के लिए प्रतिकूल स्थितियां पैदा करता है जबकि विपक्ष के लिए शुभ होता है।

गुरुवार और शुक्रवार के दिन नवरात्रि प्रारंभ होने पर माता रानी पालकी या डोली पर सवार होकर आती हैं। पालकी पर माता का आगमन अशुभता का प्रतीक है। इससे प्राकृतिक आपदा, उपद्रव, महामारी, जनहानि और दंगे जैसी स्थितियां पैदा होती है।

बुधवार के दिन नवरात्रि की शुरुआत होने पर माता का वाहन नौका होती है। देवी दुर्गा नाव पर सवार होकर आती है। नौका पर देवी का आगमन हर प्रकार से शुभ होता है। माता का इस प्रकार से संसार में आगमन कष्ट दूर करता है, सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, भरपूर बारिश और अच्छी फसल होती है।

मां दुर्गा के आगमन के बाद उनकी विदाई भी होती है आगमन की तरह ही माता की विदाई के भी अलग-अलग वाहन होते हैं।

दशमी के दिन माता की विदाई होती है और यदि दशमी तिथि रविवार या सोमवार को होती है तो माता भैंसे पर सवार होकर प्रस्थान करती हैं। भैंसे पर माता की विदाई रोग और शोककारक स्थितियां बनाता है। इसका प्रभाव राष्ट्र के लिए अशुभ होता है।

मंगलवार और शनिवार के दिन दशमी पड़ने पर माता की विदाई का वाहन मुर्गा होता है। यह अशुभ फलदायी होता है और कष्टों में वृद्धि का कारण है।

बुधवार या शुक्रवार के दिन दशमी पड़ने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर विदा होती हैं जो शुभ फलदायी होता है। इसी प्रकार बृहस्पतिवार के दिन दशमी पड़ने पर माता रानी की सवारी मनुष्य होता है। यह भी शुभ फल प्रदान करने वाला होता है। इससे देश में खुशहाली और सुख शांति और संपन्नता आती है।

2024 के शारदीय नवरात्र में आगमन और प्रस्थान

2024 के Shardiya Navratri बृहस्पतिवार को प्रारंभ हो रहे हैं और दशमी शनिवार को पड़ रही है। इस दृष्टि से देखा जाए तो माता का आगमन और प्रस्थान दोनों ही शुभ नहीं है क्योंकि मां का आगमन पालकी पर और प्रस्थान मुर्गे पर हो रहा है। माता का इस प्रकार आगमन और प्रस्थान दोनों देश में चुनौती पूर्ण स्थितियां पैदा करेंगे।

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