October 15, 2024
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National Youth Day 2024: राष्ट्रीय युवा दिवस पर जानिए स्वामी विवेकानंद के 20 स्वर्णिम उपदेश

National Youth Day (Swami Vivekananda Jayanti 2024): स्वामी विवेकानंद की जयंती प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है। स्वामी विवेकानंद का संपूर्ण जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। आज भी उनके अनमोल विचार और प्रेरक प्रसंग युवाओं को प्रेरणा प्रदान करते हैं।

National Youth Day (Swami Vivekananda Jayanti 2024)

National Youth Day 2023: राष्ट्रीय युवा दिवस पर जानिए स्वामी विवेकानंद के 20 स्वर्णिम उपदेश

National Youth Day (Swami Vivekananda Jayanti 2024): स्वामी विवेकानंद की जयंती प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है। स्वामी विवेकानंद का संपूर्ण जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। आज भी उनके अनमोल विचार और प्रेरक प्रसंग युवाओं को प्रेरणा प्रदान करते हैं।

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेंद्र दत्त था। स्वामी विवेकानंद जी एक ऐसे समाज सुधारक थे जिन्होंने सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उन्होंने ऐसे हिंदू धर्म की वकालत की जहां लिंग या जाति के आधार पर कभी कोई भेदभाव नहीं होता है। उन्होंने हिंदू धर्म के सार को जन-जन तक पहुंचाने की कामना से वेदांत के दर्शन, ज्ञान, भक्ति, कर्म, राजयोग के आदर्शों के प्रचार के लिए अपने जीवन के समर्पण के साथ रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। रामकृष्ण मिशन ने मानव को मानव धर्म और मानवता का पाठ पढ़ाया।

स्वामी विवेकानंद ने भारतीय वेदांत और योग के दर्शन को दुनिया के सामने पेश किया जिसने भारत को विश्व के आध्यात्मिक मानचित्र पर ला खड़ा किया। 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध भाषण ने विश्व के भारत को देखने का नजरिया बदल दिया।

https://janpanchayat.com/national-youth-day-and-interesting-facts-related-to-the-life-of-swami-vivekananda/

स्वामी विवेकानंद ने ही सर्वप्रथम भारत के विश्व गुरु बनने के पथ को प्रशस्त किया और आज भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। आईए जानते हैं युवाओं के प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार एवं स्वर्णिम उपदेश-

  1. जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
  2. अभय हो! अपने अस्तित्व के कारक तत्व को समझो। उस पर विश्वास करो। भारत की चेतना उसकी संस्कृति है। अभय होकर इस संस्कृति का प्रचार करो।
  3. इच्छा का समुद्र सदैव अतृप्त रहता है उसकी मांगे ज्यों- ज्यों पूरी की जाती हैं, त्यों- त्यों गर्जना करता है।
  4. जिस समय जिस कार्य के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना भी चाहिए नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है।
  5. शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है, विस्तार जीवन है तो संकुचन मृत्यु है, प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है।
  6. जिस प्रकार से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएं अपना जल समुद्र में मिला देती है, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना गया प्रत्येक मार्ग चाहे अच्छा हो या बड़ा ईश्वर तक जाता है।
  7. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वह हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
  8. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते हैं तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते।
  9. हृदय और मस्तिष्क के बीच संघर्ष में अपने हृदय का अनुसरण करो।
  10. कभी मत सोचो की आत्मा के लिए कुछ भी असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। अपने आप को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
  11. उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।
  12. नेतृत्व करते समय सेवक बनो, नि:स्वार्थ बनो, अनंत धैर्य रखो और सफलता तुम्हारी है।
  13. अपना जीवन एक लक्ष्य पर निर्धारित करो। अपने पूरे शरीर को उस एक लक्ष्य से भर दो और हर दूसरे विचार को अपनी जिंदगी से निकाल दो। यही सफलता की कुंजी है।
  14. यदि परिस्थितियों पर आपकी मजबूत पकड़ है तो जहर उगलने वाला भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
  15. जब तक जीवन है सीखते रहो। अनुभव ही आपका सर्वोत्तम शिक्षक है।
  16. जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह जीवन भर कभी भी अकेला नहीं रह सकता।
  17. आकांक्षा, अज्ञानता और असमानता- यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं।
  18. केवल उन्हीं का जीवन, जीवन है जो दूसरों के लिए जीते हैं। अन्य सब तो जीवित होने से अधिक मृत हैं।
  19. दिन में एक बार अपने आप से बात करें, नहीं तो आप इस दुनिया में एक बुद्धिमान व्यक्ति से मिलने से चूक सकते हैं।
  20. वह व्यक्ति अमरता को प्राप्त हो गया है जो जीवन में किसी भी भौतिक वस्तु से परेशान नहीं है।