October 18, 2024
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श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम् का पाठ करने से चमक जायेगी किस्मत, बनेंगे बिगड़े काम: Shri Vishnu Sahasranama Stotram 

भगवान विष्णु के 1000 नाम को हम जब शांति पूर्वक, श्रद्धा, भक्ति और प्रेम से जपते हैं तो श्री हरि की कृपा से सभी कार्य बनने लगते हैं। सहस्त्रनाम में अद्भुत श्लोक हैं। ये श्लोक हर ग्रह और नक्षत्र को नियंत्रित करते हैं। जीवन में कोई भी बाधा हो, विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ से ग्रह नक्षत्र को नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन इसका पाठ बृहस्पति की पीड़ा से मुक्ति के लिए अमोघ होता है। यदि कुंडली में बृहस्पति से संबंधित कोई समस्या है या बृहस्पति आपके जीवन में मुश्किलें पैदा कर रहे हैं तो ऐसी दशा में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अत्यंत फलदायी होता है। बृहस्पति के मारक होने पर भी विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अमोघ होता है। इसके अलावा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ संतान की उत्पत्ति या वैवाहिक जीवन में बाधा आने पर भी फलदायी होता है।

Vishnu Sahasranama Stotram
श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से चमक जायेगी किस्मत, बनेंगे बिगड़े काम: Vishnu Sahasranama Stotram 

श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र पाठ (Shri Vishnu Sahasranama Stotram): यह संसार तीन क्रियाओं से संचालित है। पहली क्रिया है निर्माण की, जिसके स्वामी सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी हैं। दूसरी क्रिया है, जो कुछ ब्रह्मा जी ने रचा है उसका पालन करना, उसे संभाल के रखना, उसका रक्षण करना और इसके स्वामी नारायण हैं। तीसरी क्रिया है, प्रलय की। भगवान शिव का कार्य है सृष्टि का लय करना। इनमें सबसे महत्वपूर्ण क्रिया है, जो रचा गया है उसे संभाल के रखना, पालन करना, जीवन का रक्षण करना और वह कार्य भगवान नारायण करते हैं।

यह सत्य है कि आज के युग में धन बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। लेकिन आज से पहले भी कोई कालखंड या युग ऐसा नहीं रहा जिसमें धन का महत्व नहीं रहा हो। धन सदैव मूल्यवान रहा है और रहेगा, क्योंकि धन जीवन के संरक्षण का, पालन का और जीवन को आगे बढ़ाने का माध्यम है और धन के स्वामी भगवान विष्णु मां लक्ष्मी के पास है, क्योंकि मां लक्ष्मी भगवान नारायण की अर्धांगिनी हैं।

धनप्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की आराधना क्यों आवश्यक है ?

विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र पाठ: धनप्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की आराधना क्यों आवश्यक है ?
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र पाठ: धनप्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की आराधना क्यों आवश्यक है ?

हमारी सनातन संस्कृति में जब हम किसी के घर के मुखिया को सपरिवार निमंत्रण देते हैं, तो घर के मुखिया की अर्धांगिनी उनके परिवार में शामिल होती है और वह स्वतः ही आ जाती है। उनको अलग से निमंत्रण देने की आवश्यकता नहीं है। इसीलिए कहा जाता ह कि यदि देवी लक्ष्मी की कृपा चाहिए तो भगवान विष्णु को नमन करना, उन्हें सम्मान देना बहुत आवश्यक है।

बिना विष्णु की आराधना के यदि सीधे लक्ष्मी की आराधना करें तो लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती। अतः यदि मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो भगवान विष्णु की आराधना करें। और इसके लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अमोघ है।

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सहस्त्रनाम का क्या है अर्थ ?

यदि हम अपने जीवन में सब कुछ पाना चाहते हैं और सब कुछ स्वतः प्राप्त होता रहे यह हमारी इच्छा है तो इसकेलिए भगवान विष्णु की उपासना बहुत कारगर है। वैसे तो सहस्त्रनाम सभी देवी- देवताओं के होते हैं। सहस्त्र का अर्थ होता है हजार। आप किसी भी देवी- देवता के सहस्त्रनाम का पाठ करें। सहस्त्रनाम के पाठ का अर्थ होता है कि हमने अपने इष्ट देव के नाम की 10 मालाओं का जाप कर लिया। उनके नाम का 1000 बार स्मरण किया। विष्णुसहस्त्रनाम में सारी का मनोकामनाओं की पूर्ति करने की क्षमता है। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से सब कुछ प्राप्त हो जाता है। चाहे वह धन हो, ज्ञान हो, यश हो, बुद्धि हो।

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए अमोघ है विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ

संसार के पालक भगवान विष्णु इस सृष्टि के सभी उत्तरदायित्व वहन करते हैं। वे पूरी सृष्टि के पालनकर्ता हैं और जिसका भी पालन करते हैं, उसे चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। जो कुछ मानव को चाहिए ज्ञान, बुद्धि, धन, रक्षा, भयमुक्त जीवन, सब कुछ देने वाले भगवान नारायण हैं। वैसे तो मनुष्य की इच्छाएं और मनोकामनाएं इतनी तुच्छ और छोटी होती है कि उसे कोई भी देवी- देवता पूर्ण करने में समर्थ होते हैं। यह मानव के ऊपर निर्भर करता है कि उसकी किस देवता में कितनी श्रद्धा और आस्था है।

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यदि हम अपने जीवन में सब कुछ पाना चाहते हैं और सब कुछ स्वत: प्राप्त होता रहे। यह हमारी इच्छा है तो उसके लिए भगवान विष्णु की उपासना बहुत कारगर है।भगवान विष्णु जगत के पालनहार है भगवान विष्णु की उपासना से सृष्टि में हमारा जीवन सरल और आसान हो जाता है। भगवान विष्णु की पूजा की सबसे बड़ी स्तुति है विष्णु सहस्त्रनाम। विष्णु सहस्त्रनाम की क्या महिमा है? इसको करने का क्या विधान है? और यह कितना शक्तिशाली है? आईए जानते हैं ?

भगवान विष्णु के बारे में कहते हैं-

“यस्य स्मरणमात्रेण जन्मसंसारबन्धनात्।
विमुच्यते नमस्तस्मै विष्णवे प्रभविष्णवे।।”
अर्थात जिसके नाम लेने मात्र से जन्म और मरण के बंधन से छुटकारा मिल जाता है, ऐसे भगवान विष्णु को हमारा नमस्कार है।

ऐसी दशा में एक नाम की जगह यदि भगवान विष्णु के हजार नाम का जाप किया जाए तो जीवन की तमाम मुश्किलें सरल हो जाती हैं। क्योंकि विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान के 1000 नाम हैं।

वैसे तो भगवान विष्णु की उपासना के कई तरीके हैं जैसे- नारायण कवच, श्रीमद् भागवत, भगवतगीता लेकिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सबसे ज्यादा फलदायी होता है। विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान के 1000 नाम बताए गए हैं।

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से क्या लाभ होता है?

भगवान विष्णु के 1000 नाम को हम जब शांति पूर्वक, श्रद्धा, भक्ति और प्रेम से जपते हैं तो श्री हरि की कृपा से सभी कार्य बनने लगते हैं। सहस्त्रनाम में अद्भुत श्लोक हैं। ये श्लोक हर ग्रह और नक्षत्र को नियंत्रित करते हैं। जीवन में कोई भी बाधा हो, विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ से ग्रह नक्षत्र को नियंत्रित किया जा सकता है।

लेकिन इसका पाठ बृहस्पति की पीड़ा से मुक्ति के लिए अमोघ होता है। यदि कुंडली में बृहस्पति से संबंधित कोई समस्या है या बृहस्पति आपके जीवन में मुश्किलें पैदा कर रहे हैं तो ऐसी दशा में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अत्यंत फलदायी होता है। बृहस्पति के मारक होने पर भी विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अमोघ होता है। इसके अलावा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ संतान की उत्पत्ति या वैवाहिक जीवन में बाधा आने पर भी फलदायी होता है।

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कैसे करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ ?

नित्य प्रात:उठकर स्नान आदि करके पीले वस्त्र धारण करें।पाठ से पहले और पाठ के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। भगवान विष्णु का ध्यान मंत्र है-

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णुं भवभ्यहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥

  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करते समय पीले वस्त्र धारण करें और भोग में चने और गुड़ या पीली मिठाई का भोग लगाएं।
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ यदि रोज नहीं कर सकते हैं तो प्रत्येक गुरुवार के दिन करें।
  • गुरुवार की शाम नमक का सेवन न करें।
  • जितने भी दिन विश्व सहस्त्रनाम का पाठ करें सात्विक वैष्णव भोजन ग्रहण करें।
  • यदि विष्णु सहस्त्रनाम का पूरी तरह से लाभ उठाना है तो मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन आदि का सेवन न करें। जितना अधिक सात्विक रहेंगे इसका परिणाम उतना ही जल्दी मिलेगा।
  • विष्णु सहस्त्रनाम यदि संस्कृत में पढ़ना कठिन हो तो हिंदी में भी भगवान के 1000 नाम का पाठ कर सकते हैं। क्योंकि भगवान विष्णु के नाम अपने आप में बहुत ही शक्तिशाली होते हैं।

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