December 21, 2024
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Hanuman Jayanti : हनुमान जयंती का क्या महत्व है?

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हनुमान जयंती का पर्व प्रत्येक वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। लेकिन इस बार हनुमान जयंती की तारीख को लेकर संशय की स्थिति है। 5 और 6 अप्रैल दोनों दिन पूर्णिमा है। इसलिए यह संशय है लेकिन आपको बता दें कि 5 अप्रैल को पूर्णिमा सुबह 9:55 के बाद शुरू होगी जबकि 6 अप्रैल को पूर्णिमा तिथि सुबह 10:00 बजे तक रहेगी। अत:उदया तिथि के अनुसार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।

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कब मनाई जाएगी हनुमान जयंती ?

हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) का पर्व प्रत्येक वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। लेकिन इस बार हनुमान जयंती की तारीख को लेकर संशय की स्थिति है। 5 और 6 अप्रैल दोनों दिन पूर्णिमा है। इसलिए यह संशय है लेकिन आपको बता दें कि 5 अप्रैल को पूर्णिमा सुबह 9:55 के बाद शुरू होगी जबकि 6 अप्रैल को पूर्णिमा तिथि सुबह 10:00 बजे तक रहेगी। अत:उदया तिथि के अनुसार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।

हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है। यह त्यौहार संकट मोचन हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान जी को रुद्रावतार भी कहा जाता है। हनुमान जयंती का पर्व श्री हनुमान जी (Shree Hanuman Ji ) के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हनुमान जी को और भी कई नामों से जाना जाता है। जैसे संकटमोचन, अंजनीपुत्र, पवनपुत्र, बजरंगबली आदि श्री हनुमान जी सभी देवताओं में सबसे शीघ्र प्रसन्न होने वाले और चिरंजीवी हैं। हनुमान जी कलयुग में भी धरती पर सशरीर उपस्थित हैं। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी ने श्री राम जी से यह वरदान मांगा था कि जहां-जहां रामकथा हो वहां- वहां हनुमान जी उपस्थित हो। अत: आज भी मान्यता है कि जहां- जहां राम कथा होती है हनुमान जी किसी न किसी वेश में वहां उपस्थित रहते हैं हनुमान जी को कलयुग का देवता भी कहा जाता है।

क्या है हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त ?

 हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। 6 अप्रैल को सुबह 7:00 बजे से 9:55 तक भगवान हनुमान जी की पूजा का शुभ मुहूर्त है। इस समय पर पूजन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

कौन है श्री हनुमान जी ? ( Who is Shri Hanuman ji?)

महावीर हनुमान जी हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। श्री हनुमान जी को शिव जी का 11 वां रुद्र अवतार कहा जाता है। श्री हनुमान जी श्रीरामजी के परम प्रिय भक्त हैं। ऐसी मान्यता है कि जिस पर श्री हनुमान जी महाराज की कृपा हो जाती है उसे भगवान श्री राम की कृपा भी स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। श्री हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों और नव निधियों का दाता कहा जाता है। माता सीता ने हनुमान जी को वरदान दिया था जैसा कि सुंदरकांड में वर्णित है

"अजर अमर गुन निधि सुत होहू, करहूं बहुत रघुनायक छोहू।"

हनुमान जी (Hanuman Ji) की माता का नाम अंजना और पिता का नाम केसरी है। उनके पिता वानरों के राजा थे। इसी कारण हनुमान जी को अंजनेय तथा केसरी नंदन भी कहा जाता है। हनुमान जी को पवन पुत्र भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि एक बार अयोध्या के राजा दशरथ जब पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रकामेष्टि यज्ञ कर रहे थे तो हवन के बाद अग्निदेव खीर लेकर प्रकट हुए जिसे तीनों रानियों में बांटा गया। उस खीर का एक भाग कौवा अपने साथ उस स्थान पर ले गया जहां मां अंजना तपस्या कर रही थी। तपस्यारत अंजना ने जब अपने हाथ में खीर देखा तो उन्होंने उसे शिव जी का प्रसाद समझकर ग्रहण कर लिया और इसी प्रसाद की वजह से हनुमान जी का जन्म हुआ। यह सब भगवान शिव और पवन देव की इच्छा अनुसार हो रहा था।

हनुमान जयंती का क्या महत्व है?

श्री हनुमान जयंती (Shree Hanuman Jayanti) हिंदुओं का महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है हनुमान जी स्वेच्छा से कोई भी रूप धारण करने में सक्षम है। हनुमान जी इतने शक्तिशाली है कि वह पहाड़ों को हिला सकते हैं। उनकी गति वायु की तरह तीव्र है। तीव्र गति से वे कहीं भी कभी भी उपस्थित हो सकते हैं। चट्टानों को उठा सकते हैं। तभी तो संजीवनी बूटी ना पहचान पाने के कारण वह पूरा पर्वत ही लेकर चल दिए थे ।इसीलिए हनुमान जी को बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है। सुंदरकांड के प्रारंभ में ही हनुमान जी के गुणों का उल्लेख इस श्लोक में किया गया है-

“अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।”

भारतीय महाकाव्य रामायण के उत्कृष्ट नायकों में हनुमान जी प्रमुख है।पवन पुत्र हनुमान एक ऐसे देवता हैं जो कलयुग में धरती पर सशरीर उपस्थित हैं। हनुमान जयंती को श्री हनुमानजी के भक्त अपार भक्ति एवं उत्साह के साथ मनाते हैं। हनुमान जयंती पर श्री हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से इनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। बजरंगबली की पूजा करना सर्वोत्तम होता है क्योंकि संकट मोचन हनुमान अपने भक्तों की संकट से रक्षा करते हैं और उनकी सभी मनोकामना को पूरा करते हैं। हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा मनुष्य को ग्रह दोषों तथा संकट से भी मुक्ति प्रदान करती है।

हनुमान जयंती का क्या है ज्योतिषीय महत्व ?

 हनुमान जयंती का ज्योतिष की दृष्टि से भी बड़ा महत्व है कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा आराधना से विघ्न- बाधाए तो दूर होती ही हैं ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से उन लोगों के लिए यह दिन अधिक महत्वपूर्ण है जो शनि ग्रह से पीड़ित होते हैं। शनि ग्रह से पीड़ित व्यक्ति को हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूजा का क्या विधान है ?

 हनुमान जयंती की पूजा शुभ एवं उत्तम मुहूर्त में करें। सर्वप्रथम प्रातः काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके उपरांत हनुमान जी को स्नान कराकर, लाल पुष्प सिंदूर, अक्षत, पान का बीड़ा, मोतीचूर के लड्डू, लाल लंगोट आदि अर्पित करें। पूजा के पश्चात हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड का पाठ करे। हनुमान जी के मंत्र का जाप करें तत्पश्चात हनुमान जी की आरती करे और प्रसाद वितरण करें। हनुमानजी की विधिवत पूजा हमारे जीवन की प्रत्येक विघ्न- बाधा को दूर करती है।

वर्ष में दो बार क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती

 हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। एक तो चैत्र मास की पूर्णिमा को तथा दूसरी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी अर्थात दीपावली के 1 दिन पूर्व नरक चतुर्दशी के दिन।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र, मेष लग्न में तथा कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था। पहली तिथि विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप में तथा दूसरी तिथि जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है।

हनुमान जयंती पर क्या करना चाहिए ?

हनुमान जयंती के दिन किसी भी हनुमान मंदिर में दर्शन करके हनुमान जी के समक्ष घी या तेल का दीपक जलाएं। हनुमान जयंती के दिन 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से हनुमान जी सभी कष्टों का निवारण कर देते हैं।
।श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए तथा उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उन्हें गुलाबों की माला अर्पित करें।
हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती के दिन चमेली का तेल और सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
हनुमान जयंती पर 11 पीपल के पत्तों पर श्री राम लिखकर हनुमानजी को अर्पित करें। यह उपाय धन संबंधी समस्याएं दूर करता है।
इस प्रकार विधि विधान से श्री हनुमान जी की पूजा करके हम हनुमान जयंती मनाते हैं तथा उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।

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