October 30, 2024
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Mother’s Day 2023 : कब और क्यों मनाया जाता है मातृ दिवस ?

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प्रत्येक वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2023 में मई माह का दूसरा रविवार 14 मई को है।अतः 14मई को मातृ दिवस मनाया जाएगा। एक मां को आदर, सम्मान और खुशियां देने के लिए जीवन का कोई एक दिन क्या, एक पूरा जीवन भी कम है। लेकिन फिर भी मां के सम्मान में संपूर्ण विश्व में मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस अलग-अलग देश में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। भारत के कुछ भागों में 19 अगस्त को भी मातृ दिवस मनाया जाता है। किंतु मई माह के दूसरे रविवार को मनाए जाने वाले मातृ दिवस का सर्वाधिक महत्व है।

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कब मनाया जाता है मातृ दिवस (When Mother's Day is Celebrated) ?

 प्रत्येक वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस (Mother’s Day) मनाया जाता है। वर्ष 2023 में मई माह का दूसरा रविवार 14 मई को है।अतः 14मई को मातृ दिवस मनाया जाएगा। एक मां को आदर, सम्मान और खुशियां देने के लिए जीवन का कोई एक दिन क्या, एक पूरा जीवन भी कम है। लेकिन फिर भी मां के सम्मान में संपूर्ण विश्व में मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस अलग-अलग देश में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। भारत के कुछ भागों में 19 अगस्त को भी मातृ दिवस मनाया जाता है। किंतु मई माह के दूसरे रविवार को मनाए जाने वाले मातृ दिवस का सर्वाधिक महत्व है। मई के दूसरे रविवार को मनाया जाने वाला मातृ दिवस अमेरिका में बड़े धूमधाम से उत्सव की तरह मनाया जाता है।

मातृ दिवस का इतिहास (History of Mother's Day)

मातृ दिवस (Mother’s Day) का महत्व समस्त माता को सम्मान देने और एक शिशु के उत्थान में उसकी भूमिका को नमन करने में है। मातृ दिवस का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इंग्लैंड का ईसाई समुदाय 16वी सदीi में यीशु की मां मदर मेरी को सम्मानित करने के लिए यह त्योहार मनाता था। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने 8 मई 1974 को मातृ दिवस को आधिकारिक बनाने का निर्णय लिया था।
अन्ना जार्विस नामक एक कार्यकर्ता के प्रयासों से मातृ दिवस अस्तित्व में आया। अन्ना का जन्म 1854 में गृह युद्ध के दौरान हुआ था। उन्होंने अपने भाई बहनों को बीमारियों के कारण खो दिया था। अन्ना की मां एन रीव्स जार्विस ने अपना जीवन मातृत्व पर केंद्रित कार्यों को करते हुए व्यतीत किया। अन्ना जार्विस ने अपनी मां को कहते हुए सुना था-
“मैं आशा करती हूं और प्रार्थना करती हूं कि किसी को, कभी ना कभी जीवन के हर क्षेत्र में, मानवता को प्रदान की जाने वाली अतुलनीय सेवा के लिए उसकी स्मृति में एक यादगार मातृत्व दिवस मिलेगा। वह इसकी हकदार है।”
अन्ना ने मदर्स डे की स्थापना को अपने जीवन का मिशन बना लिया। उन्होंने मई के दूसरे रविवार को माताओं को मनाने के लिए समर्पित कर दिन के रूप में प्रस्तावित किया। इसके लिए उन्होंने राजनेताओं, व्यापारियों और चर्च के नेताओं से भी समर्थन मांगा। अन्ना जार्विस की मां की मृत्यु 9 मई को हुई थी। अतः 9 मई के आसपास के दिन को उन्होंने मातृ दिवस के लिए चुना। जब उनके गृहनगर ग्राफ्टन और फिलाडेल्फिया में दो बड़े ‘ मदर्स डे’ कार्यक्रम आयोजित किए गए तो उनके प्रयासों को 1908 में पुरस्कृत किया गया। मातृ दिवस को औपचारिक रूप से मान्यता देने के लिए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरों विल्सन ने मान्यता देने वाले एक विधेयक पर हस्ताक्षर किया और मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाने एवं मां के सम्मान में एक दिन अवकाश की घोषणा की।
मातृ दिवस की शुरुआत अमेरिका से ही हुई। वहां की एक कवियत्री और लेखिका जूलिया वार्ड होव 10 में 1870 को मां के नाम समर्पित करते हुए कई रचनए की थी।

क्यों मनाया जाता है माता मातृ दिवस (Why Mother's Day is Celebrated) ?

एक मां और बच्चों का रिश्ता तो मां के गर्भ से ही बन जाता है और एक मां का प्रत्येक दिन अपने बच्चों के लिए और बच्चे का प्रत्येक दिन अपनी मां के लिए प्यार भरा होता है। लेकिन मातृ दिवस बच्चे अपनी मां को खास महसूस करने, उनके मातृत्व एवं प्यार को सम्मानित करने के उद्देश्य से मनाते हैं। पिछले कुछ दशकों में मातृ दिवस को बहुत ही खास ढंग से मनाया जाता है।

मां शब्द का क्या है अर्थ (What is the Meaning of word,'Mother') ?

मां को जननी कहा जाता है। जननी अर्थात जन्म देने वाली। एक मां क्या है? इस प्रश्न का उत्तर शायद ईश्वर के पास भी नहीं है। क्योंकि एक मां अपने संतान के लिए सब कुछ है। मां अपना सारा संसार अपनी संतान में ही देखती है। मां तपती दोपहरी में शीतल छांव है तो शीत ऋतु की मीठी धूप है। मां शब्द से संपूर्ण सृष्टि का बोध होता है। मां शब्द में वह मिठास एवं आत्मीयता छिपी है जो अन्य किसी शब्दों में नहीं होती। मां अपने आप में संस्कारवान मनुष्यत्व और सरलता के गुणों का सागर है। मां जन्मदात्री है जिसे जननी कहा जाता है। इसके साथ ही अपने जीवन पर्यंत एक मां अपने बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी देखती है।
एक स्त्री जब गर्भधारण करती है तो उसे पूर्णता का एहसास होता है और गर्भ से ही उसे अपने गर्भ में पल रहे शिशु से असीम स्नेह हो जाता है। वह गर्भ में पल रहे अपने शिशु की सुरक्षा के लिए हर एक कदम फूंक -फूंक कर उठाती है और जन्म लेने के पश्चात तो एक मां के लिए उसका शिशु ही सब कुछ हो जाता है। बच्चा जागता है तो मां जागती है। बच्चे को कष्ट होता है तो मां दुखी होती है। बच्चे को चोट लगती है तो दर्द का एहसास मां को होता है। जब तक बच्चा छोटा रहता है मां परछाई की तरह अपने बच्चों के साथ रहती है।
मां तो ममता का सागर होती है जो अपने बच्चों से नि:स्वार्थ भाव से प्रेम करती है और अपने इस नि:स्वार्थ प्रेम के बदले वह सिर्फ अपने बच्चों का स्नेह चाहती है। धरती पर ईश्वर का एक रूप मां है। जिस प्रकार ईश्वर वही करता है जो हमारे हित में होता है, उसी प्रकार एक मां सदैव अपने बच्चों का हित और भला चाहती है।
मां शब्द की व्याख्या शब्दों में संभव नहीं है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के शब्दों में-
“जब मैं पैदा हुआ, इस दुनिया में आया, वह एकमात्र ऐसा दिन था मेरे जीवन का जब मैं रो रहा था और मेरी मां के चेहरे पर एक संतोषजनक मुस्कान थी।”
एक मां हमारी भावनाओं के साथ कितनी खूबसूरती से जुड़ी होती है यह समझने के लिए उपरोक्त पंक्तियों संपूर्ण हैं।
एक मां के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए एक दिन नहीं अपितु एक जीवन भी कम है। किसी संतान के लिए मां शब्द का अर्थ सिर्फ पुकारने या संबोधित करने से नहीं होता। मां शब्द में संपूर्ण सृष्टि समाहित है। वही, एक मां के लिए संतान की खुशी और उसका सुख हीउसका संसार होता है। जब भी हमें चोट या ठोकर लगती है तो मां ही याद आती है क्योंकि मां अजन्मा होने से ही हमें जानती है। जब बचपन में रातों को जगते या रोते हैं तो मां भी रात भर सोती नहीं है। एक मां जितना अपने बच्चों के लिए त्याग कर सकती है उतना संसार में कोई नहीं कर सकता है।
अगाथा क्रिस्टी के शब्दों में-
“एक शिशु के लिए अपनी मां का लाड- प्यार दुनिया की किसी भी वस्तु के सामने अतुलनीय है। इस प्रेम की कोई सीमा नहीं होती और यह किसी कानून को नहीं मानता।”

मातृ दिवस को यादगार कैसे बनाएं ?

मातृ दिवस को यादगार बनाने के लिए सुबह उठते ही अपनी मां को इस दिन की बधाई दे।

  • यदि आपकी मां को खाना बनाने का शौक है तो उन्हें स्वादिष्ट व्यंजन की एक पुस्तक या डिनर टेबल गिफ्ट सेट उपहार में दें।
  • यदि आपकी मां का अधिकतर समय रसोई घर में ही व्यतीत होता है तो रसोई घर को अच्छे से सजाये।
  • यदि आपकी मां को संगीत का शौक है तो अपनी मां को मातृ दिवस के दिन उनके मनपसंद गीत और संगीत के डीवीडी व कैसेट्स उपहार स्वरूप भेंट करें।
  • मातृ दिवस के दिन अपनी मां को कहीं बाहर घूमने ले जाएं।
    इस प्रकार अपनी मां के लिए आप मातृ दिवस को खास बना सकते हैं।

मातृ दिवस का महत्व (Significance of Mother' Day)

मातृ दिवस (Mother’s Day) का महत्व माता को उनके बिना शर्त प्यार, देखभाल और मार्गदर्शन के लिए आभार और सम्मान दिखाने में है ।मातृ दिवस हमारे जीवन को आकार देने में माता की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने और उनके अटूट समर्थन और प्रोत्साहन के लिए हमारी प्रशंसा व्यक्त करने का दिन है। मातृ दिवस(Mother’s Day) मां और बच्चों के बीच बंधन को मानने और पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। मातृ दिवस उन माताओ को याद करने और उनका सम्मान करने का भी दिन है, जो दिवंगत हो चुकी है।

मातृ दिवस (Mother’s Day) अलग-अलग देश में अलग-अलग तारीख पर मनाया जाता है। ब्रिटेन में मार्च के चौथे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। बोलिविया में मातृ दिवस 27 मई को मनाया जाता है। जबकि ग्रीस में 2 फरवरी को यह खास दिन मनाया जाता है।

मातृ दिवस के कुछ उदाहरण-

कार्डिनल के अनुसार
” एक मां है जो अन्य सभी की जगह ले सकती है लेकिन जिसकी जगह कोई और नहीं ले सकता।”
रूडयार्ड किपलिंग के अनुसार
“भगवान हर जगह नहीं हो सकते और इसलिए उन्होंने मां बनाई।”
जेम्स ई फास्ट के अनुसार-
“अपने बच्चों के जीवन में एक मां का प्रभाव गणना से परे है।”

आज के बदलते आधुनिक परिवेश में कुछ बच्चे ऐसी भी है जो अपनी मां को सम्मान नहीं देते और अपनी मां की ममता का निरादर करते हैं। ऐसे लोगों को मां का महत्व समझाने के उद्देश्य से भी मातृ दिवस मनाना आवश्यक है।