July 27, 2024

World Malaria Day 2023 : कब और क्यों मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस ?​

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संपूर्ण विश्व में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो हजारों वर्षों से मनुष्य को अपना शिकार बनाती आई है। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है। यदि सही समय पर इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता ना मिले तो यह बीमारी जानलेवा सिद्ध हो सकती है। विश्व की स्वास्थ्य समस्याओं में मलेरिया एक गंभीर चुनौती है। पिछले दो दशकों में मलेरिया को समाप्त करने के लिए चलाए गए वैश्विक कार्यक्रमों के बाद भी इस बीमारी पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जा सका है हां इसके आंकड़ों में कमी अवश्य आई है।

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कब मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस ?

 संपूर्ण विश्व में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है। मलेरिया (Malaria) एक ऐसी बीमारी है जो हजारों वर्षों से मनुष्य को अपना शिकार बनाती आई है। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है। यदि सही समय पर इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता ना मिले तो यह बीमारी जानलेवा सिद्ध हो सकती है। विश्व की स्वास्थ्य समस्याओं में मलेरिया एक गंभीर चुनौती है। पिछले दो दशकों में मलेरिया (Malaria) को समाप्त करने के लिए चलाए गए वैश्विक कार्यक्रमों के बाद भी इस बीमारी पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जा सका है हां इसके आंकड़ों में कमी अवश्य आई है।

क्यों मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस ? (Why is World Malaria Day celebrated?)

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रत्येक वर्ष विश्व में मलेरिया के कारण हो रही मौतों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है।

विश्व मलेरिया दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?

प्रत्येक दिन अपना एक अलग महत्व रखता है वह दिन प्रसन्नता का हो या दुख का। मलेरिया दिवस भी एक ऐसा ही दिन है। मच्छर के काटने से फैलने वाली इस बीमारी के स्वरूप और संक्रामकता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने निर्णय लिया कि मलेरिया से निपटने के लिए सरकारी उपायों के साथ-साथ लोगों में मलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाना भी आवश्यक है और इस को ध्यान में रखते हुए WHO की संस्था ‘ वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की’ मई 2007 की 60वे सत्र की बैठक में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। पहली बार ‘ 25 अप्रैल 2008’ को विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य था मलेरिया जैसे खतरनाक बीमारी पर जनता का ध्यान केंद्रित करना। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम चलाने से बहुत सी जिंदगी बचाई जा सकती हैं।

क्या है मलेरिया ?

मलेरिया (Malaria) एक तरह का बुखार है जिसमें कपकपी (ठंड) के साथ बुखार आता है। मलेरिया एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होती है। संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से यह परजीवी लोगों में फैलते हैं। इन्हें “मलेरिया वेक्टर” कहा जाता है। मनुष्य में मलेरिया फैलने का कारण 5 परजीवी प्रजातियां हैं। इनमें से सबसे बड़ा खतरा दो प्रजातियों पी. फाल्सीपेरम और पी. वीवैक्स से है। मलेरिया को नियंत्रित किया जा सकता है और इसका उपचार भी संभव है।
मलेरिया के तीन मुख्य प्रकार हैं मलेरिया टर्शियाना, क्वार्टाना और ट्रॉपिका। इनमें सबसे खतरनाक है मलेरिया ट्रोपिका जो पी. फॉल्सीपेरम नामक रोगाणु से फैलता है।

मलेरिया के लक्षण (symptoms of malaria)

मलेरिया (Malaria) का संक्रमण होने और बीमारी फैलने में रोगाणुओं के किस्म के आधार पर 7 से 40 दिन लग सकते हैं। मलेरिया होने के दौरान शुरुआत में सर्दी जुकाम या पेट की गड़बड़ी जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। कुछ समय पश्चात ठंड लगकर बुखार आना, सिर, शरीर और जोड़ों में दर्द, मतली उल्टी या पतले दस्त होना, नब्ज़ तेज होना आदि लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं। मलेरिया की सबसे खतरनाक स्थिति तब माना जाता है जब बुखार अचानक से बढ़ जाता है और तीन-चार घंटे रहने के पश्चात अचानक उतर जाता है।

मलेरिया का निवारण कैसे करें ?

  • ज्यादातर मामलों में मलेरिया मच्छर काटने से फैलता है अतः अपने शरीर के खुले हुए हिस्सों को ढक कर रखें।
  • टीकाकरण- मलेरिया के लिए टीकाकरण प्रतिरक्षा प्रदान करने में मदद करता है।
  • जब भी घर से बाहर निकले तो – डायोल (पीएमडी) या 2-अंडेकेनोन युक्त विकर्षक, जो मच्छरों को भगाने का कार्य करते हैं, का इस्तेमाल करें।
  • घर की खिड़कियों रोशनदान में जाली का उपयोग करें और बिस्तर पर सोते समय मच्छरदानी अवश्य लगाएं।

मलेरिया का क्या है इलाज ?

मलेरिया के लक्षणों को सही दवा के माध्यम से कम किया जा सकता है मलेरिया की कुछ आम दवाएं हैं

  • डॉक्सीसाइक्लिन
  • कुनैन की दवा
  • आर्टीमिसिनिन
  • मेफलॉक्वाइन
  • क्लोरोक्विन
  • एटोवाक्वोन

भारत में मलेरिया की स्थिति

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी ‘विश्व मलेरिया रिपोर्ट’ के अनुसार भारत में मलेरिया के मामलों में काफी हद तक कमी आई है। भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां मलेरिया के मामलों में 2018 की तुलना में 2019 में 17.6% की गिरावट दर्ज की गई है।

राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात वर्ष 1953 में भारत सरकार ने मलेरिया की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया था। इसके साथ ही डीडीटी का छिड़काव शुरू किया गया था। 1958 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुरोध पर “राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम” और आगे चलकर “मॉडिफाइड प्लान आफ ऑपरेशन”(MPO) नाम से योजना शुरू हुई।
भारत में मलेरिया उन्मूलन प्रयास 2015 में शुरू किए गए थे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 2016 में मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार करने के बाद उसे तेज कर दिया गया था।

जुलाई 2017 में मलेरिया उन्मूलन के लिए “राष्ट्रीय सामरिक योजना” (2017- 22 )शुरू की गई थी जिसमें अगले 5 वर्षों के लिए रणनीति निर्धारित की गई थी।
“इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च” ने मलेरिया “एलिमिनेशन रिसर्च एलाइंस इंडिया इंडिया”(MERA -India) की स्थापना की है जो मलेरिया नियंत्रण पर काम करने वालों का एक समूह है।

भारत सरकार के प्रयत्न

पिछले दशकों में शहरी इलाकों में भी मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मलेरिया के प्रभावी रोकथाम और इलाज तक पहुंच के सीमित साधन होने के कारण जनजातीय लोगों और गरीबों में इस रोग का खतरा बना रहता है। सरकार ने ‘ मोडिफाइड प्लान आफ ऑपरेशन’ (एमपीओ) कार्यक्रम के तहत शुरू में ही मलेरिया की पहचान और त्वरित कार्यवाही के लिए कदम उठाने की व्यवस्था की है। पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में लोगों को जागरूक करने के लिए देशभर में ‘ मलेरिया विरोधी महीना’ की शुरुआत की गई है और 100% मदद का भरोसा दिया गया है।

देश के 7 राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा और राजस्थान में विश्व बैंक की मदद से सरकार ने मलेरिया पर नियंत्रण के लिए सितंबर 1997 से ‘परिष्कृत मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम’ की शुरुआत की है।

विश्व मलेरिया दिवस का उद्देश्य

मलेरिया एक वैश्विक जन स्वास्थ्य समस्या है। यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले कई वर्षों से WHO इस दिन को ‘ अफ्रीका मलेरिया दिवस’ के तौर पर मनाता था लेकिन विश्व के अन्य हिस्सों में जागरूकता लाने के लिए इसे वैश्विक आयोजन का रूप दिया गया। मलेरिया के कारण विश्व में हो रही मौतों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ‘ 25 अप्रैल’ को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

विश्व मलेरिया दिवस 2023 की थीम

विश्व मलेरिया दिवस 2023 की थीम है-
“शून्य मलेरिया देने का समय: निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन”।