75 की होने के बावजूद BJP ने Hema Malini को Mathura से क्यों बनाया उम्मीदवार? : Mathura, Lok Sabha Election 2024 Updates
Mathura, Lok Sabha Election 2024 Updates, Hema Malini: भाजपा के लिए वाराणसी अयोध्या के बाद सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मथुरा लोकसभा सीट है। इस सीट पर भाजपा ने हेमा मालिनी फिर से विश्वास जताया है। भाजपा ने एक बार फिर हेमा मालिनी को मथुरा लोकसभा सीट से उतारा है। ऐसा माना जा रहा था कि इस बार मथुरा से हेमा मालिनी का टिकट कटना तय है।
Mathura, Lok Sabha Election 2024 Updates, Hema Malini: भाजपा के लिए वाराणसी अयोध्या के बाद सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मथुरा लोकसभा सीट है। इस सीट पर भाजपा ने हेमा मालिनी फिर से विश्वास जताया है। भाजपा ने एक बार फिर हेमा मालिनी को मथुरा लोकसभा सीट से उतारा है। ऐसा माना जा रहा था कि इस बार मथुरा से हेमा मालिनी का टिकट कटना तय है।
लेकिन जब उम्मीदवारों की घोषणा हुई तो हेमा मालिनी को टिकट देकर भाजपा ने विपक्ष को ही नहीं बल्कि अपनी पार्टी के नेताओं को ही चौंका दिया, क्योंकि भाजपा की नीति के मुताबिक 75 साल की उम्र से ज्यादा के नेताओं को टिकट देने से पार्टी बचती रही है। इसी वजह से मथुरा में हेमा मालिनी की जगह किसी और को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन ऐसा ना करके भाजपा ने चौंका दिया। यह फैसला किसका था? पीएम मोदी की सहमति से ही फैसला लिया गया होगा।
अब सवाल यह है कि पार्टी ने हेमा को तीसरी बार उम्मीदवार क्यों बनाया? इसकी वजह क्या है? आइए जानते हैं-
हेमामालिनी को तीसरी बार टिकट देने की प्रमुख वजहें
राजनीतिक जानकारों की माने तो कुछ खास वजह है जिसके कारण 75 के बाद भी हेमा मालिनी को भाजपा ने तीसरी बार मथुरा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है-
- स्वच्छ और बेदाग छवि।
- केंद्र की योजनाओं को जमीन पर उतारा।
- काम करने वाली नेता की पहचान।
- आगरा दिल्ली एक्सप्रेसवे पर गांव के लिए कट बनवाया और दो फ्लाई ओवर का निर्माण भी हुआ।
- ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा की शुरुआत की।
- युद्ध स्तर पर यमुना सफाई का काम
- हेमा मालिनी खुद ब्राह्मण है और धर्मेंद्र की पत्नी होने के कारण जाट समुदाय का उन्हें समर्थन प्राप्त है।
इसके अतिरिक्त हेमा मालिनी का व्यक्तित्व, उनकी स्टार पर्सनालिटी बेहद खास है। लोग उनसे प्रभावित रहते हैं। हेमा मालिनी वैसे तो शहर में आती जाती रहती हैं,लेकिन उन्होंने मथुरा के में एक घर भी बनाया है, जहां वह रहती हैं, लोगों से मिलती-जुलती हैं। स्थानीय लोग आकर अपनी समस्याएं बताते हैं।
हेमा मालिनी ने इस बात का खास ख्याल रखा है कि लोगों की पहुंचे उन तक बनी रहे। लोग अपनी शिकायतें दर्ज करवाएं और उनकी सुनवाई भी हो। यानी हेमा मालिनी ने खुद के बाहरी होने के आरोपों की काट निकाली और जनता के लिए हमेशा सुलभ रहीं। मथुरा में घर बनवा कर बड़ा संदेश दिया। इसके साथ ही स्थानीय मुद्दों और लोगों की समस्याओं को खत्म करने पर भी काम किया।
हेमा मालिनी के इन कामों का असर भी हुआ और उन्होनें मथुरा से दो बार रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। लोगों में उनकी बेदाग छवि है।इसके साथ ही हेमा मालिनी को सीएम योगी और पीएम मोदी का पूरा समर्थन प्राप्त है। यही वजह है कि हेमा मालिनी 75 साल की उम्र के बाद टिकट पाने में कामयाब रहीं।
हेमा मालिनी का राजनीतिक सफर
भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त हेमा मालिनी की सियासी कर्मभूमि भी संयोग से कान्हा की नगरी ही बनी। वह दो बात मथुरा से सांसद है।
हेमा मालिनी ने 1999 में अपने दोस्त विनोद खन्ना के लिए पहली बार राजनीतिक प्रचार किया था। उन्हें देखने के लिए ऐसी भीड़ उमड़ी कि भाजपा के नेताओं ने उनसे कई दूसरी जगहों पर भी प्रचार करने के लिए संपर्क किया। 2003 में हेमा मालिनी को राज्यसभा का मनोनीत सदस्य बनाया गया, लेकिन 6 महीने के अंदर ही वह बीजेपी की सदस्य बन गई। उस वक्त मनोनीत सदस्य के किसी पार्टी का सदस्य बनने पर बहुत हंगामा भी हुआ था। 2004 से 2014 तक वह भाजपा की स्तर प्रचारक रही और 2014 से लगातार दो बार सांसद है तथा तीसरी बार सांसद बनने की तैयारी में है।