July 27, 2024

बंदायू से क्यों कटा संघमित्रा का टिकट? कौन हैं दुर्विजय सिंह शाक्य जिन्हें बंदायू से दिया गया टिकट? : Lok Sabha Election 2024

बंदायू से क्यों कटा संघमित्रा का टिकट? कौन हैं दुर्विजय सिंह शाक्य जिन्हें बंदायू से दिया गया टिकट? : Lok Sabha Election 2024

बदायूं से मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर बीजेपी ने बदायूं लोकसभा सीट पर बृज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को चुनाव मैदान में उतारा है। डॉक्टर संघमित्रा मौर्य 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मैनपुरी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ी थी लेकिन हार गई। वर्ष 1996 से सपा के दबदबे वाली बदायूं सीट से भाजपा ने 2019 में संघमित्रा मौर्य को टिकट दिया और 2019 के चुनाव में संघमित्रा सपा के गढ़ में जीत हासिल करने में कामयाब रहीं। 1996 से सपा के दबदबे वाली सीट पर भाजपा को जीत दिलाने वाली संघमित्रा मौर्य का 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने क्यों काटा टिकट? कौन है दुर्विजय सिंह शाक्य जिन्हें संघमित्रा मौर्य की जगह दिया गया टिकट। आईए जानते हैं-

संघमित्रा मौर्य का क्यों कटा टिकट

बदायूं सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटने की चर्चा जोरों पर है। इस मामले को उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि इसके कई कारण है। कोई इसे स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए सनातन विरोधी बयान को इसका कारण बता रहा है तो कोई संघमित्रा के भाजपा के खिलाफ आक्रामक होकर दिए गए उस बयान को जिम्मेदार ठहरा रहा है जो उन्होंने पिछले कुशीनगर चुनाव के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर हुए हमले पर दिया था।

स्वामी प्रसाद के सनातन विरोधी बयान से शीर्ष नेतृत्व को यह भी आभास था कि यदि संघमित्रा को आगामी लोकसभा चुनाव में बदायूं से टिकट दिया गया तो सनातन के पक्षधर मतदाताओं के विरोध का सामना करना पड़ेगा। उसी समय संघमित्रा शीर्ष नेतृत्व के रडार पर आ गई थीं।

कौन है दुर्विजय सिंह शाक्य जिन्हें संघमित्रा की जगह दिया गया टिकट

दुर्विजय सिंह शाक्य का जन्म 12 फरवरी 1977 को हुआ था। पांच भाइयों और तीन बहनों में दुर्विजय सिंह भाइयों में सबसे छोटे हैं। सन 1994 में शाक्य राष्ट्रीय स्वयं सेवक बने। 1995 में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर राजनीति और सामाजिक जीवन की शुरुआत की। सबसे पहले वे बरेली कॉलेज इकाई के महामंत्री 1995 में ही बने। 1997 में वे बरेली में विद्यार्थी परिषद में महानगर महामंत्री, महानगर उपाध्यक्ष, विभाग संयोजक और प्रदेश सह मंत्री भी रहे।

भारतीय जनता पार्टी ने शाक्य को 2007 में उसहैत विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए कहा, लेकिन उसहैत विधानसभा सीट गठबंधन में चले जाने के कारण चुनाव नहीं लड़े। 2007 में भाजपा युवा मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष के रूप में हजारों यूथ कार्यकर्ताओं को भाजपा युवा मोर्चा से जोड़कर सशक्त टीम तैयार की। सन 2012 में प्रदेश संयोजक पिछड़ा प्रकोष्ठ भाजपा बने। 2014 में पांचाल क्षेत्र के उपाध्यक्ष बने। सन 2016 में ब्रज क्षेत्र के महामंत्री और सन 2020 में उपाध्यक्ष बने। इसके बाद दुर्विजय सिंह शाक्य 2023, मार्च से भाजपा बृज क्षेत्र के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं।