December 21, 2024
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National Security Day 2023 : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ?

National Security Day 2023 || राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 || National Security Day
भारत में प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कार्य स्थलों पर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 1 सप्ताह तक चलने वाला सुरक्षा अभियान है।इस वर्ष 4 मार्च से 10 मार्च तक राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाएगा। देश में आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए जागरूकता फैलाना ही राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का मुख्य उद्देश्य है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ( National Safety Day 2023 )

National Security Day 2023_Janpanchayat Hindi News

कब और क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ?

 भारत में प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कार्य स्थलों पर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 1 सप्ताह तक चलने वाला सुरक्षा अभियान है।इस वर्ष 4 मार्च से 10 मार्च तक राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाएगा। देश में आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए जागरूकता फैलाना ही राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का मुख्य उद्देश्य है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च 1966 को हुई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने इस अवसर पर औद्योगिक सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने का उद्घोष किया था। 1965 में विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रपति की प्रथम औद्योगिक सुरक्षा संगोष्ठी में उन्होंने कहा था-
“Our own constitution puts it down as a directive that we must provide safe in the human conditions of work, for our industrial workers. we should do our outmost to see that conditions of life for them are adequate and they are looked after well. There must be an integration between the management and labour”.


उस संगोष्ठी में प्रतिपादित किया गया सिद्धांत था-

“Safety is the responsibility of management with active co-operative of workers and with sanction and support of the government.”

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक सुरक्षा को एक नई दिशा दी, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि सुरक्षा प्रबंधन की जिम्मेदारी तो है ही लेकिन उसमें सबका सम्मिलित सहयोग चाहिए। ना केवल अपने देश में बल्कि 19वीं सदी में पाश्चात्य देशों में सुरक्षा के प्रति व्यक्ति की सोच स्पष्टत: विकसित नहीं हुई थी। लोग दुर्घटना को भाग्य या ईश्वर पर थोप देते थे और निश्चिंत हो जाते थे। बाद में अनेक जन आंदोलन हुए। अपने अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में लोगों ने सोचा और अंततः जर्मन वैज्ञानिक एच डब्ल्यू हेनरिच ने 1930 में कहा-
“दुर्घटना होती नहीं, की जाती है। यह हठात नहीं होती- घटनाक्रम से अंतत: इस रूप में परिवर्तित होती है। असुरक्षित परिवेश और असुरक्षित कार्य इसके लिए जिम्मेदार हैं। आदमी की आंतरिक वैचारिक त्रुटियों को दूर करने के लिए प्रशिक्षण दो, कानून बनाओ और ऐसी तकनीक अपनाओ, जो आदमी की गलती को भी रोके या उसे अंतिम परिणाम तक नहीं पहुंचने दे।
हेनरिच के सिद्धांत से लोगों के उस विचार में परिवर्तन हुआ जिसमें वे सोचते थे कि दुर्घटना मात्र संयोग है।
बीसवीं सदी में इसके निवारण के लिए कानून बनाए गए। 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई इसीलिए इस दिन को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।

क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ?

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक त्रिस्तरीय संगठन है, जो सामरिक चिंता के राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा मुद्दों की देखरेख करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद देश के नागरिकों की सुरक्षा का कार्य करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासी निकाय है, जो सार्वजनिक सेवा के लिए गैर सरकारी और गैर लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है। इस संगठन ने 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का फैसला लिया। उसके बाद से ही देश में प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाने लगा।

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ?

 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हमारे जीवन में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह के आयोजन में लोगों को दुश्मनों के साथ-साथ बीमारियों से सुरक्षित करने को लेकर भी जागरूक किया जाता है। यह दिवस उन सभी बलिदानियों को समर्पित है जिन्होंने देश की सेवा में अपना बलिदान दिया। इस दिन पूरा देश उनके हौसले और जज्बे को सलाम करता है। यह दिन हम शहीदों को नमन करते हैं जिन्होंने अपने कार्यों से लोगों के दिल में जगह बनाई है। इसके साथ ही इस दिन देश के नागरिकों को उनके देश की सुरक्षा के लिए सचेत किया जाता है।

कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ?

 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस लोगों को उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक ही नहीं करता अपितु परस्पर सुरक्षा में सहयोग की भूमिका लिए के लिए भी प्रेरित करता है।
हमारी सुरक्षा केवल सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी नहीं अपितु यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह और दिवस पर्यावरण तथा परिवेश की सुरक्षा के लिए भी समर्पित होता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एंड सप्ताह के अंतर्गत पर्यावरण की स्वच्छता, प्रदूषण की रोकथाम, औद्योगिक सुरक्षा, गरीबी एवं बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन, आतंकवाद और नक्सलवाद से सुरक्षा तथा नारी सुरक्षा, सशक्तिकरण और स्वावलंबन जैसे विषय शामिल होते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर होने वाली गतिविधियां

 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर होने वाली गतिविधियां 4 मार्च से 10 मार्च तक चलती है। इस अवसर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। सप्ताह के 7 दिनों में अलग-अलग मुद्दों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के इन कार्यक्रमों में पर्यावरण और स्वास्थ्य सुधार के ऊपर विचार विमर्श किया जाता है।
भारत की सीमा सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का विशेष महत्व है। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों में भारत की सीमा की सुरक्षा करते समय स्वयं को बलिदान करने वाले वीर जवानों और सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है तथा उन्हें याद किया जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों को विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न औद्योगिक संगठनों द्वारा मिलकर मनाया जाता है। इन कार्यक्रमों को समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (4 मार्च से लेकर 10 मार्च तक) के दौरान विभिन्न गतिविधियों जैसे वाद विवाद प्रतियोगिता, सेमिनार, सुरक्षा संदेशों के पोस्टर, स्लोगन, निबंध प्रतियोगिता, बैनर प्रदर्शनी, विभिन्न नाटक, गीत तथा खेल प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है, जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य

 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य देश के लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वयं की सुरक्षा दोनों के प्रति जागरूक करना है। प्रत्येक स्तर पर कर्मचारी के लिएआवश्यकतानुसार सुरक्षा प्रशिक्षण की व्यवस्था करना तथा प्रशिक्षण के माध्यम से काम की जानकारी देना, सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है।
इस दिन देश के सभी नागरिकों को भविष्य के खाताधारक से सुरक्षा के प्रति सचेत किया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर देश की महिलाओं की सुरक्षा करने के लिए भी सचेत किया जाता है। इस दिन नागरिकों को देश के माहौल को सुरक्षित करने के लिए भी सचेत किया जाता है।
हमारी और आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल सुरक्षा परिषद की नहीं है अपितु यह एक नैतिक जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी का हमे पूर्ण रूप से निर्वहन करना चाहिए।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह के अवसर पर सुरक्षा के उपायों पर गहन शोध व चर्चाएं होती हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का क्या महत्व है ?

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत जब से हुई है, औद्योगिक दुर्घटनाओं में कमी आई है। औद्योगिक एवं अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के कार्यक्रम का राष्ट्र की सुरक्षा और राष्ट्रीय नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ावा देने और उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में अहम योगदान है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 की थीम

 भारत में 51 वर्षों से राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है। वर्ष 2023 में हम 52 वा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मना रहे हैं प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक थीम के अंतर्गत मनाया जाता है। वर्ष 2022 के राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम थी
“सुरक्षा संस्कृति के विकास के लिए युवाओं को बढ़ावा दें”।

वर्ष 2023 में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम है “हमारा लक्ष्य- शून्य नुकसान (Our Aim-Zero Harm)”