October 15, 2024
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About Ghazipur City : क्या आप जानते थे गाजीपुर के इन 8 बेहतरीन घूमने वाली जगहों के बारे में ? (did you know about these 8 best places in Ghazipur?)

About Ghazipur City : क्या आप जानते थे गाजीपुर के इन 8 बेहतरीन घूमने वाली जगहों के बारे में ?

गाजीपुर जिला (Ghazipur District) उत्तर प्रदेश में वाराणसी मंडल का पूर्वी भाग है। यह गंगा नदी के तट पर स्थित है। गाजीपुर जौनपुर और वाराणसी जिले के पूर्व और उत्तर में क्रमशः 25°19 और 25° 54 उत्तरी अक्षांश और 83°4और 83°58 पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 67.50 मीटर ऊपर है। गंगा और कर्मनाशा नदियां इसे बिहार राज्य से अलग करते हैं।

गाजीपुर के पश्चिम में जौनपुर वाराणसी और आजमगढ़, पूर्व में बलिया और बिहार राज्य, दक्षिण में चंदौली और उत्तर में मऊ और बलिया से घिरा है।

Ghazipur City_गाजीपुर _places, history

गाजीपुर शहर के बारे में (About Ghazipur City)

गाजीपुर जिला (Ghazipur District) उत्तर प्रदेश में वाराणसी मंडल का पूर्वी भाग है। यह गंगा नदी के तट पर स्थित है। गाजीपुर जौनपुर और वाराणसी जिले के पूर्व और उत्तर में क्रमशः 25°19 और 25° 54 उत्तरी अक्षांश और 83°4और 83°58 पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 67.50 मीटर ऊपर है। गंगा और कर्मनाशा नदियां इसे बिहार राज्य से अलग करते हैं। 

गाजीपुर के पश्चिम में जौनपुर वाराणसी और आजमगढ़, पूर्व में बलिया और बिहार राज्य, दक्षिण में चंदौली और उत्तर में मऊ और बलिया से घिरा है। इस जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 3384 वर्ग किलोमीटर है। गाजीपुर मध्य गंगा के मैदान का एक हिस्सा है। यह सुरम्य भौगोलिक वातावरण से सुशोभित है।

गाजीपुर (Ghazipur) का गठन 1818 में एक अलग जिले के रूप में किया गया। इससे पूर्व गाजीपुर बहुत बड़ा जिला था जिसके अंतर्गत न केवल आधुनिक बलिया बल्कि वाराणसी का नरवन, बक्सर (बिहार) का चौसा और आजमगढ़ जिले के घोसी, मऊ सागरी और मोहम्मदाबाद परगना भी शामिल थे।

गाजीपुर का इतिहास (History Of Ghazipur)

प्राचीनकाल में गाजीपुर

वैदिक काल में घने जंगलों से घिरा गाजीपुर (Ghazipur) संतों की आश्रमस्थली था। प्राचीन कल में भारतीय इतिहास में गाजीपुर का उल्लेख नहीं मिलता परंतु कुछ इतिहासकारों के अनुसार महर्षि जमदग्नि के पिता राजा गढ़ी गाजीपुर के थे। प्राचीन काल में यह स्थान घने जंगलों से आच्छादित था जिसमें कई आश्रम स्थापित थे। यह स्थान रामायण काल से संबंधित है जहां महर्षि परशुराम के पिता जमदग्नि ने निवास किया था। यहां जमदग्नि आश्रम, परशुराम आश्रम, मदन वन आदि स्थित थे। 

भगवान बुद्ध को छठी शताब्दी ईसा पूर्व सारनाथ में बोधिसत्व प्राप्त हुआ था जो गाजीपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर है। गाजीपुर जिले का औड़िहार क्षेत्र भगवान बुद्ध की शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन गया था। चीनी यात्री व्हेन त्सांग ने इस स्थान को चांचू “युद्ध क्षेत्र की भूमि” के रूप में वर्णित किया था।

मध्यकाल में गाजीपुर शहर      

मध्यकाल में गाजीपुर (Ghazipur City) सल्तनत काल से लेकर  मुगलो तक का प्रमुख केंद्र था। तुगलक काल में मोहम्मद तुगलक ने जौनपुर को राजधानी बनाकर इसके अंतर्गत गाजीपुर पर शासन किया। मोहम्मद तुगलक के शासनकाल में बहादुर राजा पृथ्वीराज चौहान के पूर्वज राजा मांधाता को हराकर सैयद मसूद गाजी ने इस शहर की स्थापना की। लोदी काल में गाजीपुर के प्रशासक नसिर खान नूहानी ने इसकी स्थितियां बदल दी। जब बाबर ने गाजीपुर का कार्यभार संभाला और मोहम्मद खान नूहानी इसके प्रशासक बने, उस दौरान गाजीपुर मुगल शासन का मुख्य केंद्र था। अफगान अली कुली खान ने अकबर के शासनकाल में गाजीपुर का कार्यभार संभाला और जमानिया शहर का विकास किया।

औरंगजेब की मृत्यु के बाद जमीदार मनसा राम के इस क्षेत्र पर कब्जा कर करने के पश्चात गाजीपुर (Ghazipur City) बनारस के आधिपत्य में आ गया और मंसाराम के पुत्र राजा बलवंत सिंह गाजीपुर के राजा बने। ब्रिटिश शासन के तत्कालीन गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स के हमले के बाद इस क्षेत्र पर विभिन्न ब्रिटिश शासको का शासन रहा। 1768 ईस्वी में अंग्रेजों ने बक्सर और गाजीपुर पर विजय प्राप्त की जिस पर बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था। अंग्रेज इस स्थान का उपयोग नील, अफीम, केवड़ा और गुलाब की खेती के लिए करते थे। 

अंग्रेजो ने ‘अफीम फैक्ट्री’ की स्थापना की जो अपनी तरह की अनोखी फैक्ट्री है और वर्तमान में कम कर रही है तथा राज्य सरकार को राजस्व प्रदान कर रही है। भूमि सुधार के लिए प्रसिद्ध लॉर्ड कॉर्नवालिस की इस स्थान का दौरा करने के दौरान आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। गाजीपुर शहर में लॉर्ड कार्नवालिस की स्मृति में एक खूबसूरत मकबरा है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।

स्वतंत्रता संग्राम में गाजीपुर की भूमिका

यह क्षेत्र महान स्वतंत्रता सेनानियों से समृद्ध है। प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन जिसे इतिहास में “सिपाही क्रांति” कहा जाता है, के नायक मंगल पांडे गाजीपुर की धरती से आते हैं। इसी स्थान से प्रसिद्ध निलहा साहिब विद्रोह भी जुड़ा है जहां अंग्रेजों के खिलाफ किसानों ने विद्रोह किया था। किसानों ने विभिन्न नील गोदामों में आग लगा दी थी।

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास में गाजीपुर (Ghazipur) के लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। होम रूल एक्ट, खिलाफत आंदोलन, नमक कानून, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार, सत्याग्रह और 1942 के आंदोलन में गाजीपुर के लोगों ने देश के गौरव के लिए साहसपूर्ण और निडरता से भाग लिया।

 

आजादी के पश्चात गाजीपुर का पहले जितना विकास तो नहीं हुआ लेकिन इस मिट्टी में ब्रिगेडियर उस्मान, परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद और राम आग्रह पांडे जैसी वीर सैनिक दिए। 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ “कारगिल विजय” में गाजीपुर ने अपने उल्लेखनीय वीरता दिखाइ।

गहमर_gahmar Ghazipur city

गाजीपुर का गहमर गांव एशिया का सबसे बड़ा गांव कहां जाता है यहां की जनसंख्या 1लाख 20 हजार से भी अधिक है इस गांव में प्रत्येक घर से एक व्यक्ति सेना में है। गहमर को 12000 फौजी भारतीय सेवा में जवान से कर्नल तक पदों पर है। जबकि 15000 से अधिक भूतपूर्व सैनिक है। प्रथम द्वितीय विश्व युद्ध हो या 1965 या फिर 1971 का युद्ध या कारगिल की लड़ाई सभी में गाजीपुर के लोगों ने अपनी वीरता दिखाई।

गाजीपुर जिला के 8 प्रमुख पर्यटन स्थल (8 major tourist places of Ghazipur district)

गाजीपुर के प्रसिद्ध 8 पर्यटन स्थल इस प्रकार हैं (The famous 8 tourist places of Ghazipur are as follows -) – 

Ghazipur ka Ramlila maidam

गाजीपुर शहर का रामलीला मैदान

गाजीपुर का रामलीला मैदान (Ramlila Maidan, Ghazipur) लंका मैदान के नाम से जाना जाता है। यहां रामलीला होती है। यह शहर के बीचो-बीच स्थित है। रामलीला मैदान चारदिवारी से घिरा हुआ है तथा दो मुख्य गेट के साथ सुव्यवस्थित है। इसम मैदान में जनसभाएं और प्रदर्शनी का भी आयोजन होता है।

 

गाजीपुर जिला का चकेरी धाम

चकेरी धाम सैदपुर से 10 किलोमीटर पूर्व की दिशा में गंगा किनारे पर स्थित है। इस मंदिर की स्थापना सैकड़ों वर्ष पूर्व काशी के राजा ने करवाई थी। राजा की नील और चूने के कारखाने टूटी अवस्था में मंदिर के पश्चिम दिशा में आज भी विद्यमान है।

महाहर धाम, गाजीपुर जिला

 महाहर धाम शहर से 30 किलोमीटर दूर कासिमाबाद क्षेत्र में स्थित गाजीपुर का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम के पिता दशरथ ने इसी स्थान पर श्रवण कुमार को बाण मारा था। राजा दशरथ ने ही इस मंदिर की स्थापना की थी।

महाहर धाम में राधेश्याम मंदिर, दुर्गा माता मंदिर, भैरव बाबा मंदिर, राम जानकी मंदिर भी स्थित है।

माँ कामाख्या मंदिर_Maa kamakhya mandir ghazipur city

मां कामाख्या देवी मंदिर, गाजीपुर

मां कामाख्या देवी मंदिर गाजीपुर के गहमर गांव में स्थित है। यह गाजीपुर का प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है।

लार्ड कार्नवालिस का मकबरा, गाजीपुर जिला

लार्ड कार्नवालिस का मकबरा एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो लार्ड कार्नवालिस की स्मृति में बनाया गया है। 5 अक्टूबर 1805 ईस्वी में गाजीपुर मेंही लॉर्ड कार्नवालिस की मृत्यु हो गई थी। इस मकबरे का आकार वृताकार है और विशाल गुणवत्ता युक्त संरचनाओं में 12 खाबो पर टिका हुआ है। यहां एक वर्गाकार चबूतरे पर लॉर्ड कार्नवालिस की सफेद संगमरमर की मूर्ति बनी हुई है। इसके चारों तरफ सुंदर गार्डन बना हुआ है।

परशुराम मंदिर, गाजीपुर

गाजीपुर शहर (Ghazipur City) में स्थित परशुराम मंदिर पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है

यह मंदिर गाजीपुर शहर के हरपुर में  गाजीपुर- जमानिया रोड पर स्थित है। यह मंदिर अत्यंत प्राचीन मंदिर है।

 

बाबा अमरनाथ मंदिर, गाजीपुर   

गाजीपुर (Ghazipur) का प्रसिद्ध बाबा अमरनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जिसमें स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है। यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है तथा मुख्य गाजीपुर शहर में स्थित है।

गंगा घाट, गाजीपुर

 गंगा नदी गाजीपुर के सिधौना क्षेत्र से गोमती नदी का संगम करते हुए जिले में प्रवेश करती है। गाजीपुर में वाराणसी के घाटों की तरह अनेक गंगा घाट है, जिसके कारण गाजीपुर को “लहुरा काशी” भी कहा जाता है। गाजीपुर में प्रमुख ददरी घाट, कलेक्टर घाट, स्टीमर घाट, पक्का घाट, कांकरिया घाट, सिकंदरपुर घाट, रंग महल घाट, जानकी घाट, महावीर घाट, बराह घाट, श्मशान घाट तथा मुख्य रूप से सिकंदरपुर घाट है जो करंडा परगना में प्रचलित घाटों में शामिल है।

गाजीपुर के प्रसिद्ध व्यक्तित्व (Famous Personalities of Ghazipur)

गाजीपुर शहर (Ghazipur City) अनेक प्रसिद्ध महान विभूतियों की भूमि रही है।

गाजीपुर (Ghazipur) ने कई प्रसिद्ध नेता तथा वीर सैनिक देश को दिए हैं। नेताओं की बात करें तो कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और स्वतंत्रता सेनानी ‘ मुख्तार अहमद अंसारी’, भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति ‘मोहम्मद हामिद अंसारी’, राजस्थान के राज्यपाल ‘कलराज मिश्र’, केंद्रीय मंत्री एवं संसद सदस्य ‘ महेंद्र नाथ पांडे’, उत्तरप्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ‘कैलाश यादव’ ,पूर्व सांसद सरजू पांडे,  पूर्व सांसद व पूर्व रेल राज्य एवं संचार मंत्री तथा वर्तमान में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी गाजीपुर से आते हैं।

भारत के सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित ‘अब्दुल हमीद’ भी गाजीपुर के ही थे। इनके अतिरिक्त तपस्वी और नेता “सहजानंद सरस्वती,” भोजपुरी सिनेमा के जनक “नजीर हुसैन”,लेखक और कवि “राही मासूम रजा”, गायक और अभिनेता “दिनेश लाल यादव”, हिंदी के ललित निबंधकार “कुबेरनाथ राय”, हिंदी और भोजपुरी भाषा के साहित्यकार “विवेकी राय”, बिरहा सम्राट गायक और अभिनेता “विजय लाल यादव”, पत्रकार पद्मश्री “राम बहादुर राय”, ये सभी गाजीपुर के प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं । 

Wikipedia Page Of Ghazipur City :  https://en.wikipedia.org/wiki/Ghazipur

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