पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इतनी अच्छी केमेस्ट्री का क्या है राज ?: Modi-Putin Friendship
Modi-Putin Friendship: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई को भारत- रूस के 22 वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस पहुंच चुके हैं। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। रूस पहुंचने के बाद मोदी और पुतिन एक दूसरे के गले मिले। राष्ट्रपति पुतिन ने मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आपने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया। इसके साथ ही पुतिन और मोदी का डिनर भी एक साथ हुआ।
मोदी और पुतिन की दोस्ती कितनी गहरी है, इस बात का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि पुतिन ने मोदी को डिनर के लिए आधिकारिक राष्ट्रपति आवास पर नहीं बल्कि अपने निजी फार्म हाउस पर आमंत्रित किया था, जहां ना तो पुतिन के कोई मंत्री थे और ना ही कोई अधिकारी था। सिर्फ दो दोस्तों के बीच डिनर हुआ। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोदी और पुतिन के बीच इस घनिष्ठ मित्रता का राज क्या है? दोनों नेताओं में क्या समानता है आईए जानते हैं-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन बहुत अच्छे दोस्त हैं और इन दोनों के बीच काफी समानताएं भी हैं-
- पीएम मोदी 73 वर्ष के हैं जबकि पुतिन 71 वर्ष के हैं। दोनों उम्र में लगभग बराबर है। इन दोनों की उम्र में सिर्फ डेढ़ या 2 साल का अंतर है।
- दोनों नेताओं में सबसे बड़ी समानता यह है कि राष्ट्रपति पुतिन पिछले 24 वर्षों से रसिया की सत्ता पर काबिज है। इसमें वर्ष 2000 से 2008 तक रसिया के राष्ट्रपति रहे, 2008 से 2012 तक प्रधानमंत्री रहे और 2012 से अब तक रसिया के राष्ट्रपति हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से लगातार भारत के प्रधानमंत्री हैं।
- दोनों नेताओं ने अपने-अपने देश में लंबे समय तक सत्ता में रहने का रिकॉर्ड बनाया है। पुतिन इसी साल राष्ट्रपति का चुनाव जीत कर दोबारा आए हैं और प्रधानमंत्री भी इसी वर्ष चुनाव जीत कर तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने हैं।
- ऐसे समय में दोनों नेता लगातार अपने देश का नेतृत्व कर रहे हैं जहां बाकी देशों में एक टर्म के बाद मतदाता बदलाव चाहते हैं,5 साल के बाद एक नेता से थक जाते हैं, जहां एक बार प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने के बाद दोबारा प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनना बहुत मुश्किल काम है, जैसा कि ब्रिटेन और फ्रांस में हुआ। वही भारत और रूस के ये दोनो नेता अपने- अपने देश की सत्ता की बागडोर लंबे समय से संभाले हुए हैं।
- किसी भी देश में ऐसा स्थायित्व नजर नहीं आता जैसा कि भारत और रूस में है। इन दोनों नेताओं में खास बात यह है कि दोनों अपने देश में स्थाई हैं और लोकप्रिय हैं।