December 23, 2024
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About Meerut City: मेरठ शहर का इतिहास और 10 प्रमुख पर्यटक स्थल

About Meerut City मेरठ शहर का इतिहास और 10 प्रमुख पर्यटक स्थल: 1. राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, मेरठ 2. शहीद स्मारक, मेरठ 3. पांडव किला, मेरठ 4. सूरजकुंड, मेरठ 5. . शाह पीर मकबरा, मेरठ 6. नंगली तीर्थ, मेरठ 7. जामा मस्जिद, मेरठ 8. सेंट जॉन चर्च, मेरठ 9. औघढ़नाथ मंदिर, मेरठ 10. द्रोपदी की रसोई, मेरठ
मेरठ (Meerut)गंगा नहर और हिंडन नदी के तट पर बसा 3911 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख जिला है। मेरठ गंगा तथा जमुना दोआब के मध्यवर्ती भाग में बसा हुआ है। मेरठ, दिल्ली से 72 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है। यह राष्ट्रीय राजधानी(NCR) का हिस्सा है। यह उत्तर प्रदेश के सबसे तेजी से विकसित होते क्षेत्र में से एक

History of Meerut City and 10 major tourist places

मेरठ शहर से जुड़े रोचक तथ्य एवं इतिहास (Interesting facts and history related to Meerut city)

मेरठ  गंगा नहर और हिंडन नदी के तट पर बसा 3911 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख जिला है। मेरठ गंगा तथा जमुना दोआब के मध्यवर्ती भाग में बसा हुआ है। मेरठ, दिल्ली से 72 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है। यह राष्ट्रीय राजधानी(NCR) का हिस्सा है। यह उत्तर प्रदेश के सबसे तेजी से विकसित होते क्षेत्र में से एक है।

मेरठ उत्तर में मुजफ्फरपुर नगर, दक्षिण में गाजियाबाद और बुलंदशहर तथा पश्चिम में बागपत जिले से घिरा है। यहां अनेक दर्शनीय स्थल है। मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह शहर खेल के समान के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है और भारत में संगीत वाद्ययंत्रों का सबसे बड़ा उत्पादक है मेरठ को “भारत का खेल शहर” भी कहा जता है।आईए जानते हैं मेरठ के इतिहास के बारे में-

मेरठ का इतिहास

मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक व्यस्त व्यापार केंद्र है। मेरठ का नाम “मयराष्ट्र” शब्द से लिया गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार मेरठ की स्थापना रावण के ससुर और मंदोदरी के पिता मय ने की थी जो राक्षसों का वास्तुकार था। मय ने इसे “मैदांत का खेड़ा” कहा था।

एक अन्य मान्यता के अनुसार यह शहर प्राचीन नगर हस्तिनापुर का अवशेष है जो महाभारत काल में कौरव राज्य की राजधानी थी। मध्य युगीन कल में यह शहर दिल्ली के निकट होने के कारण भारत के मामलों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मेरठ के बहादुर लोगों ने जब कुतुबुद्दीन ऐबक की हमलावर सेनाओ का जमकर प्रतिरोध किया तब इतिहासकारों का ध्यान मेरठ की ओर आकर्षित हुआ। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी मेरठ से ही फूटी थी। मेरठ छावनी में तैनात तीसरी कैवेलरी के 85 सैनिकों द्वारा परेड ग्राउंड पर चर्बी लगे कारतूस के प्रयोग की अवहेलना ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को एक ऐसा मोड़ दिया जिसे इतिहास में “1857 की क्रांति” के नाम से जाना गया।

अंग्रेजों द्वारा सत्ता पर अधिकार करने के साथ ही मेरठ एक प्रमुख सैन्य केंद्र बन गया। ब्रिटिश सेना से पीड़ित भारतीय सैनिकों ने 10 मई 1857 को इसी धरती पर अंग्रेजों के खिलाफ अपनी लड़ाई प्रारंभ की। मेरठ से शुरू हुई चिंगारी पूरे देश में फैल गई और स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रवादी संघर्ष का रूप ले लिया। इस संग्राम को कुचलने में अंग्रेजों को एक वर्ष लग गया। मेरठ में प्रारंभ हुये भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने 19वीं सदी के उत्तरार्ध में संगठित राष्ट्रीय आंदोलन का मार्ग प्रशस्त किया।

मेरठ का कृषि एवं उद्योग

मेरठ में गेहूं, कपास, दाल, तिलहन और गुड़ का व्यापार होता है। यह एक कृषि प्रधान क्षेत्र है। तथा उत्तर प्रदेश का कृषि का प्रमुख केंद्र है। यहां लोहे की वस्तुएंजी- कैंची, चाकू, छुरियां, सरौता आदि बनाए जाते हैं। कृषिगत वस्तुओं के व्यापार का भी यह प्रमुख केंद्र है। यहां उत्तर प्रदेश की गुड़ की सबसे बड़ी मंडी है। चीनी की भी कई मिले मेरठ में स्थित है।

मेरठ के 10 प्रमुख पर्यटन स्थल

मेरठ में धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अनेक दर्शनीय स्थल है। जिन्हें देखने के लिए पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं। मेरठ के प्रमुख पर्यटन स्थल इस प्रकार हैं-

1.राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, मेरठ (Government Freedom Struggle Museum)

Government Freedom Struggle Museum, meerut

राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय की खूबसूरत इमारत अपने भीतर “1857 की क्रांति” में मेरठ में घटित घटनाओं को संजोए हुए हैं। यहां स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े अभिलेख संकलित एवं संरक्षित किए गए हैं। राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय मेरठ के शहीद स्मारक परिषद में स्थित है। इसका औपचारिक लोकार्पण “प्रथम स्वतंत्रता संग्राम” की 150वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर 10 मई 2007 को किया गया था। यहां एक पुस्तकालय भी है जिसमें आजादी की लड़ाई से जुड़ी किताबो का एक संग्रह तैयार किया गया है।

2. शहीद स्मारक, मेरठ

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित शहीद स्मारक सन 1857 की क्रांति एवं स्वतंत्रता संग्राम का ‘ हृदय स्थल’ है। संगमरमर से बना 30 मीटर ऊंचा यह स्मारक उन बहादुर सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी। 1857 की क्रांति के प्रथम नायक मंगल पांडे को 8 अप्रैल 1857 को फांसी पर चढ़ा दिया गया था। यहां स्थित शिलालेख पर 85 सिपाहियों के नाम खुदे हुए हैं। यहां 1857 के शहीदों की यादों को को संजो कर रखा गया है,जिससे आने वाली पीढियों को उनके बलिदान से प्रेरणा मिल सके। यह स्मारक मेरठ के “भैसाली मैदान” के पास ‘ टैक्सी स्टैंड’ तथा ‘ आयकर कार्यालय’ के बीच पार्क में स्थित है।

3. पांडव किला, मेरठ

Pandav Kila_ पांडव किला_मेरठ ​

पांडव किला मेरठ  के बरनावा में स्थित है। इस किले के बारे में कहा जाता है कि यह वही किला है जिसे दुर्योधन ने पांडवों को जलाने के लिए ज्वलनशील पदार्थ लाख से तैयार करवाया था। महाभारत से संबंध रखने वाले इस किले में अनेक प्राचीन मूर्तियां दर्शनीय है।

4. सूरजकुंड, मेरठ

सूरजकुंड मेरठ (Surajkund) में स्थित पवित्र कुंड है जिसका निर्माण एक धनी व्यापारी जवाहरलाल ने 1714 ईस्वी में करवाया था। इस कुंड को वर्तमान में गंगा नहर से जल प्राप्त होता है। पहले अबू नाला से इस कुंड को जल प्राप्त होता था। इस कुंड के चारों ओर अति महत्वपूर्ण और प्राचीन मंदिर स्थित है जिसमें ‘मनसा देवी’ और ‘ बाबा मनोहर नाथ’ मंदिर प्रमुख है। ये मंदिर शाहजहां के समय में बने थे। इन मंदिरों में कुछ ऐसे भी स्थान है जो खुद में विशिष्ट हैं जैसे ‘प्राचीन सती मंदिर’ और ‘ कुबेर मंदिर’ आदि। यहां मेरठ का प्राचीन गुरुद्वारा भी स्थित है।

5. शाह पीर मकबरा, मेरठ

लाल पत्थर से निर्मित शाह पीर का मकबरा उसे समय की अति सुंदर इमारत में से एक है। यह इमारत मुगल बादशाह जहांगीर ने अपने काल में बनवाया था। शाह पीर मकबरा मेरठ में रहने वाले एक अति महत्वपूर्ण इस्लामी धर्म गुरु की मजार के रूप में पुराने मेरठ शहर के नजदीक गढ़ रोड पर स्थित है।

6. नंगली तीर्थ, मेरठ

नंगली तीर्थ “स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज” की समाधि के कारण लोकप्रिय है। यह मेरठ के नंगली गांव में स्थित है। इसे पवित्र तीर्थ माना जाता है। मुख्य सड़क से तीर्थ तक 84 मोड़ है जो 84 लाख योनियो के मुक्ति के प्रतीक है। यहां विविध हिस्सों से श्रद्धालु आते है।

7. जामा मस्जिद, मेरठ

 मेरठ की जामा मस्जिद का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने 11वीं शताब्दी में करवाया था। 1239 ईस्वी में इल्तुतमिश के पौत्र नसीरुद्दीन महमूद ने इसका पुनर्निर्माण करवाया। मेरठ की कोतवाली के निकट स्थित जामा मस्जिद उत्तर भारत की अति प्राचीन मस्जिदों में से एक है।

8. सेंट जॉन चर्च, मेरठ

सेंट जॉन चर्च को ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से ‘ चैपलिन रेव हेनरी फिशर’ ने 1819 में स्थापित किया था। मेरठ का यह चर्च उत्तर भारत की अति प्राचीन चर्चों में से एक है। इस विशाल चर्च में 10हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। तत्कालीन फर्नीचर एवं दीवारों पर लगे शिलालेख आज भी देखे जा सकते हैं। इसमें दो महत्वपूर्ण शिलालेख पुरातन देवनागरी तथा फारसी लिपियों में है।

9.औघढ़नाथ मंदिर, मेरठ

यह मंदिर महानगर में छावनी क्षेत्र में स्थित है। यहां भगवान शिव स्वरूप में विद्यमान है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में शिवलिंग स्वयंभू है। यह शिवलिंग सद्य फलदाता है। औघड़दानी शिव स्वरूप में भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। नटराज स्वरूप में क्रांति को भी प्रकाशित करते हैं। 1857 के प्रथम भारतीय स्वाधीनता संग्राम में इस मंदिर का विशेष योगदान रहा है।

10. द्रोपदी की रसोई, मेरठ

हस्तिनापुर के बरगंगा नदी के तट पर द्रौपदी की रसोई स्थित है। माना जाता है कि महाभारत काल में इस स्थान पर द्रोपति की रसोई थी।

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About Meerut City On Wikipedia:  https://en.wikipedia.org/wiki/Meerut