December 21, 2024
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World Lung Cancer Day 2023 : विश्व फेफड़े का कैंसर दिवस, 01 अगस्त 2023 – थीम, महत्व और इतिहास

World Lung Cancer Day 2023 : विश्व फेफड़े का कैंसर दिवस (World Lung Cancer Day) प्रत्येक वर्ष 1 अगस्त को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। फेफड़ों के कैंसर से संबंधित मुद्दों के बारे में दुनिया भर में लोगों को जागरूक करने, शिक्षित करने और फेफड़ों के कैंसर अनुसंधान पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए मनाया जाता है।
फेफड़े का कैंसर(Lung Cancer)विश्व भर में सबसे आम कैंसर में से एक है। फेफड़े का कैंसर, स्तन कैंसर, यकृत कैंसर या प्रोटेस्ट कैंसर की तुलना में अधिक लोगों की मृत्यु का कारण बनता है। फेफड़े हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा पहुंचाने और श्वसन क्रिया को सुचारू रूप से जारी रखने में फेफड़ा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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विश्व फेफड़े का कैंसर दिवस 2023 || World Lung Cancer Day || 2023,1अगस्त

विश्व फेफड़े का कैंसर दिवस (World Lung Cancer Day) प्रत्येक वर्ष 1 अगस्त को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। फेफड़ों के कैंसर से संबंधित मुद्दों के बारे में दुनिया भर में लोगों को जागरूक करने, शिक्षित करने और फेफड़ों के कैंसर अनुसंधान पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए मनाया जाता है।
फेफड़े का कैंसर(Lung Cancer)विश्व भर में सबसे आम कैंसर में से एक है। फेफड़े का कैंसर, स्तन कैंसर, यकृत कैंसर या प्रोटेस्ट कैंसर की तुलना में अधिक लोगों की मृत्यु का कारण बनता है। फेफड़े हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा पहुंचाने और श्वसन क्रिया को सुचारू रूप से जारी रखने में फेफड़ा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
फेफड़े, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य अनावश्यक गैसों को शरीर से बाहर निकाल कर ताजा ऑक्सीजन लाते हैं। शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग में किसी भी प्रकार की समस्या घातक हो सकती है। फेफड़े का कैंसर ऐसी बीमारी है जिसके कारण प्रत्येक वर्ष लाखों लोग अपनी जान गवा देते हैं। अतः फेफड़े के कैंसर के बारे में लोगों को सतर्क करने तथा इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 1 अगस्त को विश्व फेफड़े का कैंसर दिवस (World Lung Cancer Day)मनाया जाता है।

क्या है फेफड़ों का कैंसर

कैंसर में शरीर की कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। और जब यह फेफड़ों में हो तो उसे फेफड़ों का कैंसर कहते हैं।WHO के अनुसार वर्ष 2020 में फेफड़ों के कैंसर के कारण 18 लाख से अधिक मौतें हो चुकी हैं। फेफड़े का कैंसर में शुरुआत में इसकी पहचान नहीं हो पाती और जब तक इसके लक्षण प्रकट होते हैं तब तक स्थिति गंभीर हो जाती है। अतः फेफड़ों के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देकर इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है।

आइए जानते हैं फेफड़ों के कैंसर के लक्षण कारण और बचाव के बारे में-

फेफड़ों का कैंसर के लक्षण (Symptoms of Lung Cancer)

 स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार शुरुआती लक्षणों को अनदेखा न कर समय रहते यदि ध्यान दिया जाए तो इस बीमारी की गंभीरता से बचा जा सकता है। वैसे तो शुरुआती चरण में स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते। रोग के घातक हो जाने पर ही इसके लक्षण प्रकट होते हैं। फिर भी कुछ लक्षणों को हमेशा ध्यान में रखकर हम सही समय पर उपचार प्रारंभ कर सकते हैं। ये लक्षण है-

  • सांस फूलना
  • उपचार के पश्चात भी खांसी ठीक ना होना
  • खांसी में खून आना
  • छाती में दर्द महसूस होना
  • हड्डियों में दर्द रहना
  • सिर दर्द होना
  • गला बैठ जाना
  • वजन कम होना, इत्यादि।

फेफड़े का कैंसर के कारण (Causes of Lung Cancer)

फेफड़े का कैंसर एक साइलेंट जो धीरे-धीरे रोगी को अपनी गिरफ्त में लेता है। फेफड़े का कैंसर 90% मामलों में धूम्रपान की वजह से होता है। धूम्रपान फेफड़ों में मौजूद कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। सिगरेट का धुआं कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ (कार्सिनोजेंस) से भरा होता है और इस धुएं को अंदर खींचते समय उतकों में परिवर्तन होना शुरू हो जाता है। ऐसे में शुरुआत में तो व्यक्ति का शरीर इस नुकसान की मरम्मत करने में सक्षम होता है। लेकिन बार-बार धुएं का संपर्क फेफड़ों वाली सामान्य कोशिकाओं को तेजी से क्षतिग्रस्त करता है और धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने के कारण यह कोशिकाएं असामान्य रूप से कार्य करने लगती हैं जिससे फेफड़े का कैंसर होता है।
इसके अतिरिक्त फेफड़े का कैंसर के अन्य कारण भी हैं जैसे- तंबाकू खाना, घर या काम पर एस्बेस्टस या रेडान जैसे पदार्थों के संपर्क में आना, धुएं के संपर्क में आना और पारिवारिक इतिहास।
लंबे समय तक खतरनाक वातावरण और पदार्थों के बीच सांस लेने से भी फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। जैसे क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम ,यूरेनियम, निकल और पेट्रोलियम उत्पाद।

फेफड़े का कैंसर से बचाव (Prevention of Lung Cancer )

फेफड़े का कैंसर रोकने का कोई भी निश्चित उपचार नहीं है। लेकिन यह भी नहीं कहा जा सकता कि जो धूम्रपान नहीं करते उन्हें यह बीमारी नहीं होगी। फेफड़े का कैंसर किसी को भी हो सकता है, हां धूम्रपान करने वालों में इसकी संभावना सबसे अधिक होती है। अतः कुछ सावधानियां बरतकर हम इस घातक बीमारी के खतरे को कम अवश्य कर सकते हैं जैसे-

  • धूम्रपान बिल्कुल ना करें
  • धूम्रपान करने वालों के आसपास ना रहे
  • यदि आप किसी फैक्ट्री या कारखाने में काम करते हैं तो मास्क अवश्य पहने
  • कार्यस्थल पर कार्सिनोजेनिक पदार्थों से बचें
  • फल और सब्जियों का भरपूर सेवन करें
  • सांस से संबंधित व्यायाम नियमित तौर पर करें

भारत में फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer in India)

फेफड़े का कैंसर भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण इस कैंसर से मरने वालों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। 2012 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में फेफड़ों के कैंसर के मामले 70,300 थे स्तन कैंसर (Breast cancer) मुंह का कैंसर (Mouth Cancer)और सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)के बाद सबसे अधिक मामले फेफड़ों के कैंसर के पाए गए।