November 20, 2024
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मानवीय सहायता पर प्रतिबंध संबंधी प्रस्तावों पर मतदान से अलग रहा भारत : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने उस प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया जिसमें मानवीय सहायता को संयुक्त राष्ट्र के सभी तरह के प्रतिबंधों से मुक्त रखने का प्रावधान किया गया है।
शनिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने कहा कि मानवता की आड़ में आतंक को मदद बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। प्रतिबंधित आतंकी संगठनों ने इस छूट का भरपूर फायदा उठाया है।
15 सदस्यीय परिषद की अध्यक्षता इस समय भारत के पास है। परिषद में आयरलैंड और अमेरिका द्वारा पेश उस प्रस्ताव पर मतदान किया गया जिसमें मानवीय सहायता को प्रतिबंधों के दायरे से मुक्त रखने का प्रावधान है किंतु भारत एकमात्र ऐसा देश रहा जिसने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

UNSC Updates _Janpanchayat Hindi News

जनपंचायत हिंदी न्यूज़ : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने उस प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया जिसमें मानवीय सहायता को संयुक्त राष्ट्र के सभी तरह के प्रतिबंधों से मुक्त रखने का प्रावधान किया गया है।
शनिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने कहा कि मानवता की आड़ में आतंक को मदद बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। प्रतिबंधित आतंकी संगठनों ने इस छूट का भरपूर फायदा उठाया है।
15 सदस्यीय परिषद की अध्यक्षता इस समय भारत के पास है। परिषद में आयरलैंड और अमेरिका द्वारा पेश उस प्रस्ताव पर मतदान किया गया जिसमें मानवीय सहायता को प्रतिबंधों के दायरे से मुक्त रखने का प्रावधान है किंतु भारत एकमात्र ऐसा देश रहा जिसने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, ” हमारी चिंताएं आतंकवादी संगठनों द्वारा इस तरह की मानवीय छूट का भरपूर फायदा उठाने की है।”

पाकिस्तान पर साधा निशाना

पाकिस्तान और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों का भी कंबोज ने परोक्ष रूप से ज़िक्र किया। उन्होंने कहा हमारे पड़ोस में कई आतंकवादी संगठनों द्वारा इन प्रतिबंधों से बचने के लिए खुद को मानवीय संगठनों और नागरिक समाज समूहों के रूप में पुनर्स्थापित किए जाने के कई मामले सामने आए हैं। कंबोज ने जमात-उद-दावा (जेयूडी) की तरफ इशारा किया जो खुद को एक परोपकारी संगठन बताता है लेकिन उसे व्यापक स्तर पर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े अग्रिम संगठन के रूप में देखा जाता है।