November 22, 2024
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Surya Tilak: सूर्यवंशी श्री रामलला का सूर्य तिलक, रामनवमी पर चार मिनट का होगा रामलला का सूर्य तिलक

Ayodhya Ram Lalla Surya Tilak: 500 वर्षों के इंतजार के बाद प्रभु श्री राम का जन्म उत्सव टेंट में नहीं बल्कि भव्य श्री राम मंदिर में होने जा रहा है। इस दिन अयोध्या में राम मंदिर की भव्यता देखते ही बनेगी। ऐसी तैयारी हो रही है जिसे देखकर लगता है कि त्रेता युग जैसा कोई चमत्कार हो सकता है। अयोध्या का हर पथ राम भक्त के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है। हर गली, हर चौक, हर बाजार रामोत्सव की आभा से उज्जवल है, हर तरफ श्री राम के जयकारे सुनाई दे रहे हैं।

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Ayodhya Ram Lalla Surya Tilak: 500 वर्षों के इंतजार के बाद प्रभु श्री राम का जन्म उत्सव टेंट में नहीं बल्कि भव्य श्री राम मंदिर में होने जा रहा है। इस दिन अयोध्या में राम मंदिर की भव्यता देखते ही बनेगी। ऐसी तैयारी हो रही है जिसे देखकर लगता है कि त्रेता युग जैसा कोई चमत्कार हो सकता है। अयोध्या का हर पथ राम भक्त के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है। हर गली, हर चौक, हर बाजार रामोत्सव की आभा से उज्जवल है, हर तरफ श्री राम के जयकारे सुनाई दे रहे हैं।

चैत्र नवरात्र के पहले दिन प्रभु श्री राम के मंदिर में चांदी की चौकी पर कलश स्थापित किया गया है। 9 दिनों तक राम दरबार में दुर्गा सप्तशती का पाठ, शक्ति की आराधना शुरू हो चुकी है साथ ही रामलला को 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया है। नवरात्रि के पहले दिन रामलाल को बेहद खास परिधान धारण कराया गया है।खादी के बने इन वस्त्रों पर सोने चांदी के तारों से बने वैष्णव चिन्ह उकेरे गए हैं। इसी क्रम में रामनवमी के दिन श्री राम लला का सूर्य अभिषेक करने की भी तैयारी है। रामनवमी के दिन 12:00 बजे आप्टोमैकेनिकल सिस्टम से सूर्य की किरणें प्रभु श्री रामलला के ललाट पर डाली जाएगी।

आईए जानते हैं कैसे होगा रामलाल का सूर्य तिलक –

आईआईटी रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने सूर्य तिलक के लिए एक खास ओप्पोमैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है, जिसमें मंदिर के तीसरे यानी सबसे ऊपरी तल पर लगे दर्पण पर दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरणें पड़ेगी। यह किरणें दर्पण से 90 डिग्री पर परावर्तित होकर एक पीतल के पाइप में जाएंगी। पाइप के छोर पर लगे दूसरे दर्पण से सूर्य की किरणें एक बार फिर से परावर्तित होंगी। और पीतल की पाइप के साथ 90 डिग्री पर मुड़ जाएंगी।90 डिग्री पर मुड़ी यह किरणें सीधी रामलला के मस्तक पर पड़ेगी।

क्या है राम लाला का सूर्य तिलक, आइये जानते हैं:

  • रामनवमी के दिन सूर्य की रोशनी मंदिर के तीसरे तल पर लगे पहले दर्पण पर गिरेगी और यहां से परावर्तित होकर पीतल की पाइप में प्रवेश करेगी।
  • पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण से टकराकर 90 डिग्री पर पुनः परावर्तित हो जाएंगी
  • पीतल के पाइप में लंबवत जाते हुए यह किरणें तीन अलग-अलग लेंस से गुजरेगी।
  • तीन लाइन से गुजरने के बाद किरणें लंबवत पाइप के गर्भगृह वाले सिरे पर लगे दर्पण से टकराएंगी।
  • लंबवत पाइप के दूसरे सिरे पर लगे दर्पण से टकराकर किरणें पुनः 90 डिग्री पर परावर्तित होकर छैतिज रेखा में चलेंगी।
  • यह किरणें गर्भ गृह में लगे दर्पण से टकराकर सीधे रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी। रामलला की मस्तक पर ये किरणें 75 मिमी का गोलाकार सूर्य तिलक लगाएंगी।
  • दोपहर 12:00 रामलला के मस्तक पर पड़ने वाली यह किरणें लगातार 4 मिनट तक रामलाल के मुख्य मंडल को प्रकाशमान करेंगी।

19 इलेक्ट्रिक गियर्स सेकंड्स में बदलेंगे किरणों की चाल

इस सिस्टम के 19 गियर लगाए गए हैं जिसमें सूर्य तिलक समय पर हो। ये गियर्स दर्पण और लेंस पर किरणों की चाल सेकंड में बदलेंगे। यह पूरा सिस्टम बिना बिजली के काम करेगा।

इनके सहयोग से होगा सूर्य तिलक

बेंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एस्ट्रोफिजिक्स से विशेष ‘सूर्य तिलक’ के लिए तकनीकी मदद ली गई है। लेंस और ग्रास ट्यूब बेंगलुरु के कंपनी ओप्टिका के एमडी राजेंद्र कटारिया ने तैयार किया है और इसे इंस्टॉल भी किया है।

100 एलईडी स्क्रीन के माध्यम से होगा प्रसारण

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि श्री रामलला सूर्यवंशी हैं और उनके जन्मोत्सव पर उन्हें सूर्य तिलक से अच्छा उपहार नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि श्री रामलला का सूर्य तिलक करने की तैयारी जोर-शोर से हो रही हैं और रामनवमी पर यह अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा। श्री रामलला के सूर्य तिलक का सीधा प्रसारण लगभग 100 एलईडी स्क्रीन के माध्यम से किया जाएगा।