December 21, 2024
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

क्या तीन बार के सांसद इंद्रजीत राव को टक्कर दे पाएंगे राज बब्बर ?: Lok Sabha Election Phase 5 Voting

image 1 5

Lok Sabha Election Phase 5 Voting: राज बब्बर फिल्म जगत के संजीदा अभिनेताओं में से एक है। राज बब्बर को अपनी फिल्मों में कई तरह की संजीदा भूमिकाओं के लिए भी जाना जाता है। उनके द्वारा निभाई गई भूमिकाओं में न सिर्फ अभिनय क्षमता झलकती है बल्कि दर्शकों पर भी अमिट छाप छोड़ी है। राज बब्बर न सिर्फ एक मंझे हुए अभिनेता है बल्कि एक कुशल राजनितीज्ञभी हैं। करीब 35 वर्षों से वे राजनीति में है और अपने राजनीतिक जीवन में भी उन्होंने हर चुनौती को स्वीकार किया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी राज बब्बर हरियाणा के गुड़गांव से चुनाव मैदान में है। उनका मुकाबला भाजपा के इंद्रजीत राव से है जो जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। अभिनय के बाद राजनीति में भी लंबी पारी खेलने वाले राज बब्बर कौन हैं?आईए जानते हैं-

इस सीट पर कांग्रेस – भाजपा में सीधा मुकाबला: Amethi Lok Sabha Election Phase 5 Voting

कौन हैं राज बब्बर (Who is Raj Babbar) ?

23 जून 1952 को उत्तर प्रदेश के आगरा में एक सिख परिवार में जन्मे राज बब्बर ने अपनी स्कूली शिक्षा आगरा के फैज़- ए- आम इंटर कॉलेज से की और आगरा कॉलेज से स्नातक की उपाधि ली। उन्होंने नेशनल स्कूल आफ ड्रामा मेथड एक्टिंग का प्रशिक्षण लिया।

सारण सीट पर राजद और भाजपा के बीच चुनावी संग्राम: Lok Sabha Election 2024 Phase 5 Voting

नई दिल्ली के नेशनल स्कूल का ड्रामा मेथड एक्टिंग की ट्रेनिंग लेने के बाद राज बब्बर मुंबई चले गए। उन्होंने रीना राय के साथ “सौ दिन सास के” फिल्म से अभिनय करियर की शुरुआत की। राज बब्बर ने ‘इंसाफ का तराजू’ ‘निकाह’ ‘आज की आवाज’ जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय किया। उन्होंने पंजाबी सिनेमा ‘चन्न परदेसी’, ‘ मढ़ी दा दीवा’ और ‘लौंग द लश्करा’ जैसी आर्ट हाउस फिल्मों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।

राज बब्बर का राजनीतिक सफर

राज बब्बर ने राजनीति में 1989 में प्रवेश किया। 1989 में वे बीपी सिंह के नेतृत्व वाली जनता पार्टी में शामिल हुए। 1994 में सपा में शामिल हुए। 1994 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य के रूप में संसद में पहुंचे। 1999 में आगरा से चुनाव लड़े और इसके बाद 2004 में भी इस सीट पर जीत दर्ज की। लेकिन कुछ समय बाद राज बब्बर और मुलायम सिंह यादव के बीच मतभेद बढ़ने लगे और 2006 में इन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया।

पटना साहिब से दूसरी बार पार्टी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी

वर्ष 2008 में कांग्रेस में हुए शामिल

वर्ष 2008 में राज बब्बर कांग्रेस में शामिल हो गए और 2009 में फिरोजाबाद के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे जहां उन्होंने सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के खिलाफ जीत दर्ज की। 10 नवंबर 2009 को वह तीसरी बार लोकसभा सदस्य बने।

दो चुनाव में करना पड़ा हार का सामना

राज बब्बर ने 2014 और 2019 में भी चुनाव लड़ा था। 2014 में कांग्रेस के टिकट पर गाजियाबाद में वीके सिंह से हार गए और 2019 में फतेहपुर सिकरी सीट से चुनाव लड़ा लेकिन वहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2015 में पार्टी ने उन्हें फिर राज्यसभा भेजा। इस तरह वह तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं।

अपना भविष्य सुरक्षित रखने के प्रयास में महुआ मोइत्रा

क्या है चुनौती ?

गुड़गांव सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर का मुकाबला भाजपा के पांच बार के सांसद इंद्रजीत राव से हैं। राव तीन बार गुड़गांव से ही सांसद रहे हैं और गुड़गांव के ही रहने वाले हैं, जबकि राज बब्बर गुड़गांव के बाहर के हैं ऐसे में यह चुनाव स्थानीय बनाम बहरी हो गया है। जहां एक तरफ इंद्रजीत राव स्थानीय होने के कारण अपने आप को गुड़गांववासियों का परखा और आजमाया हुआ नेता मानते हैं, वही राज बब्बर के सामने अपने आप को स्थानीय लोगों के सामने साबित करने की चुनौती है।

कड़े मुकाबले के बीच फांसी अयोध्या (फैजाबाद) लोकसभा सीट

कांग्रेस नेता राज बब्बर चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं और कहते हैं कि मैं बाहरी नहीं हूं और ना मैं भारी हूं। उन्होंने प्रचार में कहा कि अगर मिलेनियम सिटी गुड़गांव समस्याओं का अंबार हो तो मुझे वोट देना। राज बब्बर का दावा है कि बीते 10 साल में गुड़गांव में कोई विकास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं लोगों के लिए काम करने और उनके दिलों में बसने आया हूं।

विवाद और अर्थपूर्ण बयानों के लिए प्रसिद्ध राज बब्बर के सामने न सिर्फ जीत की चुनौती है बल्कि कांग्रेस के उस वर्ष भरोसे को भी कायम रखना है जो पार्टी ने उन पर दिखाया है। भाजपा प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा उठाकर गुड़गांव की राजनीति को गर्म कर दिया है।